Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनके जन्मदिन पर राज्य में उत्साह का माहौल है और कार्यकर्ता अपने नेता को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं. देश के की बड़े नेता और राज्य के BJP लीडर्स ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है. PM नरेंद्र मोदी ने भी CM हेमंत सोरेन को जन्मदिन की बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर जन्मदिवस की बधाई देते हुए उनके लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. आइये जानते हैं, हेमंत सोरेन के जीवन से जुड़ें कुछ पहलू: 


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राजनीतिक परिवार से है तालुल्क


10 अगस्त 1975 को झारखंड के रामगढ़ (तब बिहार में था) में हेमंत सोरेन का जन्म हुआ था. हेमंत सोरेन एक राजनीतिक परिवार से तालुल्क रखते हैं. उनके पिता शिबू सोरेन (Shibu Soren) झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 


'एक्सीडेंटली नेता' 


हेमंत सोरेन ने इंजीनियरिंग ड्राप आउट स्टूडेंट हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि, हेमंत सोरेन अपनी इच्छा नहीं, बल्कि परिस्थितिवश राजनीति में आए हैं. दरअसल, हेमंत सोरेन के बडे़ भाई दुर्गा सोरेन की अचानक मृत्यु हो गई थी और पिता शिबू सोरेन का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा था. इस वजह से हेमंत सोरेन की राजनीति में 'एक्सीडेंटल' रूप से इंट्री हुई.


राज्यसभा से इस्तीफा देकर बनें डिप्टी CM


राजनीति में प्रवेश करने के बाद, हेमंत सोरेन सबसे पहले साल 2009 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए, लेकिन जनवरी 2010 में उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य की अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) के नेतृत्व वाली बीजेपी (BJP) सरकार में डिप्टी सीएम बन गए.


कांग्रेस से नहीं बनीं बात
इस सरकार में जेएमएम सहयोगी दल के रूप में शामिल थी. लेकिन बीजेपी-जेएमएम के रिश्ते ज्यादा दिन तक अच्छे नहीं रहे और अत: 2013 में अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गई. इसके बाद, राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया. हालांकि, हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के जरिए राज्य में फिर से सरकार बनाने का प्रयास किया, लेकिन जेएमएम नेता का प्रयास सफल नहीं हो पाया.


आलोचनाओं से हुए मजबूत और फिर बने CM


इस दौरान हेमंत सोरेन को पार्टी के अंदर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा लेकिन वो कमजोर नहीं हुए बल्कि एक मजबूत नेता की तरह उभरे. इसका परिणाम यह हुआ कि साल 2013 में हेमंत सोरेन ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली और वो पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गये. 


मोदी लहर में गंवाई सत्ता!


करीब डेढ़ वर्षों तक राज्य की सत्ता संभालने के बाद, 2014 में मोदी लहर में झारखंड में बीजेपी की वापसी हुई और रघुवर दास (Raghubar Das) को सीएम बनाया गया. इस दौरान, हेमंत सोरेन विपक्ष के नेता रहे और लगातार बीजेपी सरकार को घेरते रहे.


2019 में फिर हुई सत्ता में वापसी


बीते 5 वर्षों में हेमंत सोरेन न सिर्फ पार्टी के अंदर अपनी पकड़ मजबूत की, बल्कि राज्य में भी अपनी लोकप्रियता बनाई. इसका परिणाम यह हुआ कि साल 2019 में झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन सरकार की राज्य में वापसी हुई और बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा. अब इस सरकार की अगुवाई हेमंत सोरेन कर रहे हैं.


 



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