रांची: झारखंड के प्रसिद्ध झरने हुंडरू, जोन्हा, लोध, दसम, सीता, पंचघाघ और हिरनी त्यौहार के सीजन से पहले ही आगुंतकों से गुलजार हैं. पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और ऊंचाई से गिरते पानी की वजह से ये झरने पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं और यहां राज्य के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों, विशेषतौर पर पश्चिम बंगाल से पर्यटक घूमने आते हैं. 


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शनिवार को जोन्हा झरना पहुंचे कोलकाता के एक पर्यटक तारक नाथ साहू ने बताया, 'मैंने अपनी जिंदगी में इससे खूबसूरत जगह नहीं देखी. इस जगह की प्राकृतिक खूबसूरती, पहाड़ियां और 150 फुट की ऊंचाई से भारी मात्रा में गिरता पानी अद्भुत नजारा पेश करते हैं. अगर यहां रुकने की व्यवस्था होती तो यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक होता.' 


रांची से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित जोन्हा झरना अपनी प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से पर्यटकों को हमेशा लुभाता है. यहां आने वाले पर्यटक लगभग 700 सीढ़ियों से नीचे उतरकर इस मनमोहक झरने का आनंद लेते हैं. सिर्फ जोन्हा ही नहीं बल्कि रांची में और उसके आस-पास मौजूद अन्य झरनों पर भी पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है. 


झारखंड पर्यटन सुरक्षा समिति (जेपीएसएस) के अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना औसतन 10 हजार पर्यटक हुंडरू, जोन्हा, लोध, दसम, सीता, पंचघाघ और हिरनी झरने देखने आते हैं. झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) की शाखा जेपीएसएस झारखंड के बड़े झरनों के प्रबंध और उनके रखरखाव का जिम्मा संभालती है. प्रसाद ने बताया कि इन झरनों की देखभाल में जेपीएसएस के लिए करीब 110 'पर्यटक मित्र' काम कर रहे हैं. 


उन्होंने बताया कि यहां आने वाले पर्यटकों की तादाद अगले साल फरवरी तक कम नहीं होगी. ‘बिरला इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (बीआईटी) के सहायक प्रोफेसर (इलेक्ट्रॉनिक) संजय कुमार ने बताया ‘झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. अगर यहां पर्यटन स्थलों को समुचित बढ़ावा दिया जाए तो सरकार को पर्यटन से अच्छा खासा राजस्व मिल सकता है और रोजगार सृजन भी हो सकता है.’ 


अपनी पत्नी बबीता अग्रवाल के साथ शनिवार को जोन्हा झरना देखने गए संजय कुमार ने कहा ‘मैं स्पेन, डेनमार्क जैसे कई यूरोपीय देश गया हूं लेकिन वहां कहीं भी मुझे जोन्हा जैसी कुदरती खूबसूरती नजर नहीं आई. सरकार को चाहिए कि पर्यटन के लिए वह एक बेहतरीन योजना बनाए और इन पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दे.’ 


इनपुट-भाषा के साथ 


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