Jharkhand Foundation Day: झारखंड राज्य आज अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया यह राज्य उम्मीदों और सपनों के साथ आगे बढ़ा, लेकिन अब तक विकास की वो गति नहीं पकड़ पाया जो होनी चाहिए थी. झारखंड का इतिहास संघर्ष और कुर्बानी से भरा है और इस राज्य की अपनी एक अनोखी पहचान है. पहाड़ों, जंगलों और सांस्कृतिक विरासतों से सजी यह भूमि झारखंडियों के दिलों में एक खास जगह रखती है. जब झारखंड बना था, तो लोगों को उम्मीद थी कि अब हालात बदलेंगे, लेकिन विकास की गति धीमी रही है. झारखंड के निवासियों की समस्याओं पर सही से ध्यान नहीं दिया गया.


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राज्य के निर्माण के साथ ही राजनीतिक अस्थिरता झारखंड के विकास में बड़ी रुकावट बनी. यहां लगातार सरकारें बदलीं और गवर्नेंस के मामले में यह राज्य पटरी पर नहीं आ पाया. सत्ता में बैठे नेताओं में झारखंड के विकास का कोई ठोस विजन नहीं था, बल्कि कुर्सी की राजनीति चलती रही. झारखंड को तेजी से आगे बढ़ना था, लेकिन राजनीतिक खेल के कारण विकास पीछे छूटता गया. भ्रष्टाचार ने भी राज्य को कमजोर किया और इसमें नये-नये अध्याय जुड़ते गए.


इसके अलावा झारखंड का नाम देश-दुनिया में अक्सर भ्रष्टाचार और लूट के लिए ही चर्चा में आया. यहां पलायन, विस्थापन, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में बहुत काम किया जाना था, लेकिन इस पर गंभीरता से कभी विचार नहीं हुआ. अच्छे अस्पताल और शैक्षिक संस्थान भी नहीं बन पाए, जिससे लाखों छात्र आज भी पढ़ाई के लिए राज्य के बाहर जाने को मजबूर हैं. पिछले दस सालों में कुछ राजनीतिक स्थिरता जरूर आई, लेकिन जनता की उम्मीदें अब भी पूरी नहीं हो सकीं.


झारखंड को संवारने का काम अब भी अधूरा है. स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसे अहम मुद्दों पर हम अब तक खरे नहीं उतर सके हैं. आज भी झारखंड बेचैन है और अपने विकास के लिए सही रास्ते की तलाश कर रहा है. इस समय राज्य में राजनीतिक सरगर्मी है और जल्दी ही नई सरकार आएगी. जनता को उम्मीद है कि नई सरकार उनके सपनों को साकार करेगी और झारखंड को सही मायनों में विकास के रास्ते पर आगे ले जाएगी.


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