JMM प्रवक्ता महुआ माजी ने राज्यपाल पर लगाया आरोप, कहा-भ्रमित करने वाले दे रहे हैं बयान
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े लाभ के पद के मामले में राज्यपाल रमेश बैस द्वारा `दूसरी राय` मांगने के दो दिन बाद, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा कि राज्यपाल इस मामले में `भ्रामक बयान` दे रहे हैं.
Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े लाभ के पद के मामले में राज्यपाल रमेश बैस द्वारा 'दूसरी राय' मांगने के दो दिन बाद, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा कि राज्यपाल इस मामले में 'भ्रामक बयान' दे रहे हैं. राज्यसभा सदस्य और झामुमो प्रवक्ता महुआ माजी ने यह भी कहा कि बतौर राज्यपाल बैस को एक ऐसा रुख अख्तियार करना चाहिए जो पार्टी और राजनीति से ऊपर हो. बैस ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने उन पर उंगली उठाये जाने से बचने के लिए 'दूसरी राय' मांगी है.
माजी ने से कहा, 'राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं, उनका पद अत्यधिक सम्मानित है. यह पार्टी या राजनीति से ऊपर है. इसलिए बयान भी संवैधानिक मानदंडों के अनुरूप होना चाहिए.'
राज्यपाल ने मांगी थी सेकंड ओपिनियन
बता दें कि राज्यपाल ने रायपुर में एक निजी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग से सेकंड ओपिनियन मांगा है. आयोग का ओपिनियन आने के बाद वह अपने संवैधानिक अधिकारों के अनुसार सोचेंगे कि उन्हें क्या निर्णय लेना है. राज्यपाल ने यहां तक कहा कि झारखंड में एकाध एटम बम फट सकता है, क्योंकि पटाखे पर दिल्ली में बैन है झारखंड में नहीं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने नाम से एक पत्थर खदान का पट्टा लिया था. भाजपा ने इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व कानून के नियमों का उल्लंघन बताते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. राज्यपाल ने इसपर चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा था. चुनाव आयोग ने इस मसले पर सभी पक्षों को बुलाकर सुनवाई की और इसके बाद विगत 25 अगस्त को अपना मंतव्य राज्यपाल को भेज दिया था. इसपर राज्यपाल की ओर से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अब उन्होंने इसे लेकर चुनाव आयोग ने सेकंड ओपिनियन मांगा है.
(इनपुट भाषा के साथ)