रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएमएलए के विशेष अदालत में आगामी बजट सत्र में शामिल होने के लिए एक पिटीशन दाखिल की है. आज इसकी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कड़ी दलील के साथ भाजपा विधायकों को पूर्व में दिए गए अनुमति का सुझाव दिया. उन्होंने बताया कि विधायक नलिन सोरेन और विधायक ढुल्लू महतो को भी पहले ऐसी ही अनुमति मिली थी. इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री को भी सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए. क्योंकि सत्र में मनी बिल पर वोटिंग होती है और इसमें उनकी भी भागीदारी होनी चाहिए.


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इस पर सुनवाई के बाद पीएमएलए के विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है. कल इस मामले पर फैसला सुनाया जाएगा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति होगी या नहीं. बता दें कि बजट सत्र 23 फरवरी से 2 मार्च तक 5 दिनों के लिए आहूत होगा. इसमें सत्र के हर दिन मनी बिल पर वोटिंग होगी. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपनी दलील में यह भी कहा कि पहले भी विधायक नलिन सोरेन और विधायक ढुल्लू महतो को सत्र में शामिल होने की अनुमति मिली थी. इसलिए इस बार भी इस पर विचार किया जाए. उन्होंने विधायकों को सत्र में रहने की आवश्यकता के रूप में मनी बिल पर वोटिंग के दौरान उनकी भागीदारी की आवश्यकता को बताया.


इस मामले में सुनवाई के बाद दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश की और विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है. कल फैसला सुनाया जाएगा कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मिलेगी या नहीं. इस मुद्दे पर बजट सत्र के दौरान होने वाली वोटिंग का भी यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्र में हर दिन मनी बिल पर वोटिंग होगी. इसमें सभी विधायकों की भागीदारी होनी चाहिए. इसलिए, कल के फैसले से पहले इस मुद्दे की चर्चा बड़ी महत्वपूर्ण है.


इनपुट- आयुष


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