Ranchi: झारखंड उच्च न्यायालय ने फिलहाल राज्य के सभी विभागों के अधिकारियों की पदोन्नति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने कार्मिक विभाग और डीजीपी को जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने श्रीकांत दुबे और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी कर दिया है.  झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रोन्नित के संबंध में कार्मिक विभाग के 3 जून 2022 और डीजीपी के 23 जून 2022 के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें प्रोन्नति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश जारी किया गया था.


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न्यायमूर्ति डॉ एस एन पाठक की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया. इस याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस विभाग के हाल के एक फैसले से सामान्य श्रेणी के कर्मचारियों की प्रोन्नति पाने की संभावनाएं बाधित होंगी. मामले की सुनवाई की अगली तारीख 18 अगस्त है. अदालत ने तब तक राज्य में सभी विभागों में प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. 


प्रार्थियों का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने कोर्ट में बताया कि प्रार्थी पुलिस विभाग में एएसआई के पद पर कार्यरत है. एसआई में प्रमोशन के लिए डीजीपी ने आदेश जारी कर दिया गया है. डीजीपी का आदेश कार्मिक विभाग के आदेश के आलोक में जारी किया गया है. डीजीपी ने अपने आदेश में एएसआई से एसआई में प्रोन्नति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया था. जिसमे कहा गया था कि एससी, एसटी के वैसे उम्मीदवार जो प्रोन्नति के लायक हैं, उन्हें भी सामान्य श्रेणी में प्रोन्नति मिलेगी.


प्रार्थियों ने उठाई ये मांग 


प्रार्थियों ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी नियुक्ति1988 में हुई थी. इस दौरान एससी-एसटी कोटे के उम्मीदवारों को भी सामान्य श्रेणी में प्रमोशन देने से सामान्य श्रेणी वालों को नुकसान होगा. सरकार द्वारा जारी किये गए आदेश के बाद एससी-एसटी कोटे से वर्ष 1995 में नियुक्त एएसआई भी प्रमोशन के हकदार होंगे, जिससे सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को नुकसान होगा. अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित की. 


(इनपुट: भाषा)