खनन पट्टा मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, जानें हेमंत सोरेन से जुड़ा मामला
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की है. दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सरकार का पक्ष रखेंगे. उनकी व्यस्तता के कारण आज वह दलील पेश नहीं कर सकें.
रांची: खनन पट्टा आवंटन को लेकर दायर सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई के दौरान मामले में अदालत ने ईडी एवं राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की है. दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सरकार का पक्ष रखेंगे. उनकी व्यस्तता के कारण आज वह दलील पेश नहीं कर सकें. ऐसे में सरकार का पक्ष रख रहे अधिवक्ता में द्वारा समय की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तिथि मुकर्रर की गई है.
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर याचिकाओं में शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे. झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को बदलते हुए शीर्ष अदालत ने जनहित याचिकाओं को सुनवाई के योग्य नहीं माना. इसके बाद सोरेन और झारखंड सरकार की अर्जी पर प्रधान न्यायधीश यूयू ललित, न्यायमूर्ति रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की.
सीजेआई यूयू ललित ने कहा कि सील बंद रिपोर्ट बाद अगर जांच में कुछ मिला है तो आगे बढ़ सकते हैं. सीजेआई ने साथ ही एजेंसी से यह भी कहा कि प्रथमदृष्टया मामले को स्थापित करें. इसके अलावा वकील ने अदालत से तकनीकि खामियों की वजह से मामले को खारिज न करने का आग्रह भी कर रखा था.
इनपुट- भाषा
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