रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के आशीर्वाद टावर और हाजरा क्लीनिक में आग लगने से 19 लोगों की मौत की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार को राज्य के सभी शहरों में अपार्टमेंट्स और ऊंची बिल्डिंग्स का फायर सेफ्टी ऑडिट कराकर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. 


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कोर्ट ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों और नगर निगमों के आयुक्तों को आदेश दिया है कि वे अग्निकांड से निपटने की तैयारियों, अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और उनके उपयोग, बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार अग्निशमन के प्रबंध आदि पर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं.


हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने धनबाद में घटी घटनाओं पर दुख जताते हुए कहा है कि ऐसे हादसे दोबारा नहीं हों, इस पर राज्य सरकार को सजग रहना होगा.


सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि धनबाद डीसी की ओर से दोनों घटनाओं की जांच के लिए दो कमेटियां बनाई गई हैं. एक कमेटी आग लगने के कारणों की जांच करेगी, यह देखेगी कि फायर सेफ्टी रूल एंड रेगुलेशन का वहां पालन किया गया है या नहीं, जबकि दूसरी कमेटी यह देखेगी कि अग्निकांड से दोनों भवनों के स्ट्रक्च र को कितना नुकसान हुआ है और वहां लोगों का रहना सुरक्षित है या नहीं.


कोर्ट ने मामले में नगर विकास विभाग से पूछा है कि कि अपार्टमेंट एवं भवनों में फायर सेफ्टी के लिए गाइडलाइन क्या है, बिल्डिंग बायलॉज में फायर सेफ्टी के लिए जो रूल बने हैं, उसका पालन हो रहा है या नहीं? इसके साथ ही तीन-चार माह के भीतर पूरे राज्य में फायर सेफ्टी ऑडिट कराकर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.


बता दें कि धनबाद में चार दिनों में हुए दो अग्निकांड में 19 लोगों की मौत हुई थी, जबकि दर्जनों घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.


(आईएएनएस)