Ranchi: झारखंड में बस संचालन से जुड़े तमाम लोगों के सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है. दरअसल, स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान राज्य में बसों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. इसकी वजह से बस कारोबार से जुड़े तमाम लोगों का रोजगार ठप हो गया है.
 
करीब 2 महीने से बसें नहीं चल रही हैं इसकी वजह से बस मालिकों, चालकों और बाकी लोगों की कमाई शून्य हो गई है. ऐसे हालात में अब राज्य के कई हिस्सों से बस संचालन शुरू करने की मांग उठने लगी है.
 
सिमडेगा में बस परिवहन से जुड़े लोगों ने  सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है. यहां बस यूनियन के लोगों ने अपने हाथों में काला फीता बांधकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू की. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि राज्य में ऑटो के अलावा अन्य प्राइवेट वाहन बेधड़क चल रहे हैं, लेकिन बसों को चलाने की अब तक इजाजत नहीं मिली है.
 
इनका कहना है कि ऑटो में क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाई जा रही हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बना हुआ है. बस यूनियन के लोगों ने सरकार से पूछा है कि अगर बस चलने से कोरोना संक्रमण होता है तो क्या ऑटो और अन्य वाहनों के चलने से संक्रमण नहीं फैलता है.


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वहीं रामगढ़ में भी बस संचालकों ने सरकार से गुहार लगाई है. इनका कहना है कि बसें चलनी चाहिए ताकि जीवन और जीविका साथ-साथ चल सके आपको बता दें कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत झारखंड में करीब दो महीने से बसों का परिचालन बन्द है और इस कारोबार से जुड़े तमाम लोग परेशान हैं. ऐसे में ये लोग अब सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं कि सरकार बसों को चलाने की इजाजत दे तो इनकी रोजी-रोटी का भी इंतजाम हो.