रांची: झारखंड सरकार द्वारा जारी किए गए अधिसूचना ने एक बार फिर से सहायक पुलिस कर्मियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. राज्य के 3 जिलों के सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध अब तक खत्म हो चुका है और सेवा विस्तार न होने के कारण अब उनकी सेवा नहीं ली जाएगी. इसे लेकर जिलों में निर्देश जारी कर दिया गया है. जिसके बाद इन 3 जिलों ने करीब 500 सहायक पुलिस अब बेरोजगार हो चुके है.


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सहायक पुलिस कर्मियों का अनुबंध खत्म 
राज्य के तीन जिले दुमका, सिमडेगा और चाईबासा जिले के सहायक पुलिस कर्मियों का अनुबंध खत्म हो चुका है और उसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है. संबंधित जिले में पदस्थापित सहायक पुलिसकर्मियों के अनुबंध का एक्सटेंशन नहीं हुआ है. जिसके चलते उनकी सेवा अब नहीं ली जाएगी. बता दें कि 2017 में पूर्व की सरकार ने राज्य में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को अनुबंध पर लिया था. जिसके बाद सेवा अवधि खत्म होने पर वर्तमान सरकार ने सभी को एक्सटेंशन भी दिया था, लेकिन अब एक्सटेंशन अवधि भी खत्म हो गई है. जिस कारण इन सहायक पुलिस पर बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है.


500 सहायक पुलिस कर्मियों का अनुबंध समाप्त
नोटिफिकेशन जारी होते ही भारतीय जनता पार्टी को राज्य सरकार पर हमला बोला है. इस मामले में बीजेपी का कहना है की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बिहार के नीतीश कुमार को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. 2021 में 5 लाख नौकरियों की घोषणा से तो पहले ही पलट चुके थे. हाल में उन्होंने किसी भी अनुबंध कर्मी की नौकरी को समाप्त नहीं करने का वादा किया था. उससे विपरीत जाकर सरकार ने 500 सहायक पुलिस कर्मियों के अनुबंध को समाप्त कर दिया. जो यहां के मूलवासी हैं.


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सहायक पुलिस कर्मियों को सेवा विस्तार मिलेगा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कहना है कि हेमंत सरकार ने 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था और सरकार में आने के बाद पांच लाख नौकरियां वापस ले लिया है. वहीं सहायक पुलिसकर्मी के मामले को मंत्री मिथिलेश ठाकुर का कहना है कि झारखंड सहायक पुलिस कर्मियों को सेवा विस्तार मिलेगा. सरकार इसके प्रति संवेदनशील है. इससे पहले भी सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार दिया है.