रांची: झारखंड सब्जियों के बड़े प्रोडक्शन हब के रूप में विकसित हो रहा है. यहां उपजाई जा रही फूलगोभी, शिमला मिर्च, फ्रेंचबीन, टमाटर, गाजर, गाजर, भिंडी सहित कई तरह की सब्जियां देश-विदेश तक पहुंच रही हैं. कृषि विभाग के मुताबिक झारखंड से हर साल लगभग 18 लाख टन सब्जियां बाहर भेजी जा रही हैं. हेमंत सरकार का लक्ष्य अगले दस वर्षों में राज्य में सब्जियों का कुल उत्पादन 100 लाख टन तक पहुंचाने का है.


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दुबई, सिंगापुर और अरब देशों में निर्यात
राज्य के रांची, बोकारो और रामगढ़ जिले के किसानों द्वारा उपजाई जा रही सब्जियों की खेप दुबई, सिंगापुर और अरब देशों में नियमित तौर पर भेजी जा रही है. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी, मदर डेयरी और कुछ अन्य संस्थाएं राज्य के कृषि उत्पादों को देश-विदेश का बाजार उपलब्ध कराने में मदद कर रही हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में बने फॉर्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गनाइजेशंस (एफपीओ) भारत सरकार के ई-नाम पोर्टल के जरिए घर बैठे कृषि उत्पादों के कारोबार में रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं.


महिला स्वयंसहायता समूहों को प्रोत्साहन
मसलन, बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के जमहार और चंडीपुर समेत अन्य गांवों मे उपजाई जा रही गोभी रांची स्थित मेदर डेयरी की इकाई के सहयोग से सऊदी अरब के बाजारों में भेजी जा रही है. सब्जियां विदेश भेजे जाने के कारण किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह रांची जिले के प्रखंडों में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के 'जायका' प्रोजेक्ट के तहत महिला स्वयंसहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. 


समूहों को कूलिंग चैंबर की सुविधा
इन समूहों को कूलिंग चैंबर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे किसानों को फल-सब्जी को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है. यहां से भी सब्जियां विदेशों तक भेजी जा रही हैं. इसी तरह रामगढ़ जिला अंतर्गत गोला प्रखंड के गोला बनतारा में लगने वाले डेली मार्केट से भारत के विभिन्न राज्यों में हर रोज 50 टन सब्जियां भेजी जा रही हैं. यहां से बैगन, गोभी, मूली, नेनूआ, भिंडी, बोदी, मिर्ची, टमाटर, लौकी, शिमला मिर्च की खेप दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश बिहार, पश्चिम बंगाल भेजी जा रही है.


राज्य सरकार की कृषि निर्यात नीति
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के मुताबिक अभी राज्य में लगभग तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 33 लाख टन सब्जियों का सालाना उत्पादन हो रहा है. इसमें से करीब 18 लाख टन सरप्लस सब्जियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं. अगले दस सालों में सब्जियों के उत्पादन का क्षेत्र बढ़ाकर नौ लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा, ताकि कुल उत्पादन एक सौ लाख टन से अधिक हो सके. इसके साथ ही राज्य सरकार ने कृषि निर्यात नीति भी बना ली है, जिसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा.


इकाइयां स्थापित करने की योजना 
भारत सरकार की 'एक जिला एक उत्पाद' की योजना के तहत राज्य में कृषि आधारित उद्योगों के विकास पर भी काम शुरू कर दिया गया है. बोकारो में कटहल, चतरा, पूर्वी सिंहभूम, पलामू और गिरिडीह में टमाटर, गुमला और जामताड़ा में हरी मिर्च, धनबाद और गढ़वा में आलू, कोडरमा में नींबू, रामगढ़ में पपीता का उत्पादन बढ़ाने और इनके प्रसंस्करण के लिए इकाइयां स्थापित करने की योजना है.


झारखंड ई-उपार्जन पोर्टल की शुरूआत
राज्य के किसानों की सुविधा के लिए हाल झारखंड ई-उपार्जन पोर्टल की शुरूआत की गई है. इस पोर्टल के जरिए प्रदेश के किसानों को उचित दाम में अपनी फसल बेचने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी. जो किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल सरकार को बेचना चाहते हैं, वह पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे.


(आईएएनएस)