JMM ने केंद्र पर लगाया घोटाले का आरोप, पूछा-वैक्सीन के लिए आवंटित बजट का पैसा कहां हैं
कोरोना टीके को लेकर पूरे देश में राजनीती शुरू हो गई. इसी बीच JMM के सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन को लेकर घोटाले का आरोप लगाया है.
Ranchi: कोरोना (Corona) की दूसरी लहर की वजह से पूरे देश में मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना टीके को लेकर पूरे देश में राजनीती शुरू हो गई. इसी बीच JMM के सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने केंद्र सरकार (Central Government) पर वैक्सीन को लेकर घोटाले का आरोप लगाया है.
JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप वैक्सीन को लेकर लगाया है. उन्होंने कहा कि 18 से 45 वर्ष के उम्र के लोगो को वैक्सीन के नाम पर 2 वर्गों में बांटा है जिसमें सरकारी दर 300 से 400 निर्धारित की है जबकि निजी 600 की दर वैक्सीन की निर्धारित की गई है. इसे लेकर जेएमएम महासचिव ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन के नाम और घोटाले का आरोप लगाया है.
केंद्र सरकार पर उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र ने 35 हजार करोड़ के आवंटित किये थे, वो कहा हैं? केंद्र ने ऐसा कानून बना दिया है, जिससे कोई भी पीएम केयर फंड की जानकारी हासिल नहीं कर सकते है. प्रधानमंत्री ने एक सप्ताह पहले ही PM Care Fund से हर जिले के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लगाने का फैसला किया है. लेकिन अभी तक कोई भी काम शुरू नहीं किया है. केंद्र लगातार लोगों को गुमराह कर रही है.
भट्टाचार्य ने कहा, 'केंद्र ने ऐसा कानून बना दिया है, जिससे कोई भी पीएम केयर फंड की जानकारी हासिल नहीं कर सकते है. प्रधानमंत्री ने एक सप्ताह पहले ही पीएम केयर फंड से हर जिले के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लगाने का फैसला किया है. लेकिन अभी तक कोई भी काम शुरू नहीं किया है. केंद्र लगातार लोगों को गुमराह कर रही है.'
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गौरतलब है कि इससे पहले भी उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं ले रही है. इस दौरान उन्होंने कहा था कि वैश्विक महामारी की वजह से पिछले एक साल में देश और राज्य के हालात खराब है. इसके बाद भी केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं ले रही है. कोरोना की वजह से दुनिया के कई बड़े देश नुकसान झेल चुके हैं. लेकिन हकीकत में देश के हालात बेकाबू हो रहे हैं. राज्य में 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा पूरे देश में 50,000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके बाद भी सरकार लगातार आवश्यक दवा और ऑक्सीजन को विदेश में बेचती रही.
(इनपुट: कामरान)