रांचीः Sammed Shikhar Ji: झारखंड में पारसनाथ के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. हालांकि अभी तक झारखंड सरकार का ऐसा कोई आदेश नहीं आया है. इस बीच गिरिडीह डीसी व एसपी को वहां की पवित्रता बनाए रखने का सख्त निर्देश दिए गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सम्मेद शिखर जी मामले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के गिरीडीह विधायक सुदीप सोनू ने कहा कि, जैन समाज का मामला हाल में 23 दिनों के बीच संज्ञान में आया है. जब इस मसले को हम लोगों ने समझने का प्रयास किया तो स्पष्ट दिख रहा है भारत सरकार के गजट में 2 अगस्त 2019 को इसका प्रकाशन हुआ है और इसको पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है. 


मधुबन का इलाका है निषिद्ध क्षेत्र
उन्होंने कहा कि सरकार की भी अपनी मजबूरियां होती है. असल में धार्मिक स्थल में सरकार, सरकारी पैसे या राजस्व नहीं लगा सकती है. पर्यटन क्षेत्र घोषित हो जाने से क्षेत्र के विकास के लिए सरकारी राजस्व का उपयोग हम कर सकते हैं. इस मसले पर यहां धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए निश्चित रूप से जो मधुबन का इलाका है मांस और मदिरा के लिए निषिद्ध क्षेत्र है. 


पर्यटन क्षेत्र घोषित होने से पवित्रता पर आ सकता है संकट
जैन धर्म के लोगों को इस बात से आपत्ति है कि पर्यटन क्षेत्र घोषित हो जाने से गैर जैन यात्री जाएंगे और उस क्षेत्र की पवित्रता पर संकट या सवाल खड़ा हो सकता है. राज्य सरकार निश्चित रूप से इसमें कुछ बीच का रास्ता निकालेगी. वहां ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी व्यक्ति इस तरह की वस्तु न ले जा सके और यह विषय चूंकी भारत सरकार का है और भारत सरकार के गजट में है. जैन समाज के समाज के लोगों से मेरी अपील है कि उन्हें इस विषय को लेकर भारत सरकार तक जाना चाहिए और भारत सरकार को अपनी भावनाओं से अवगत कराना चाहिए भारत सरकार का जो भी निर्णय जाएगा राज्य सरकार उसका अनुपालन करेगी.