JPSC की पहली महिला अध्यक्ष बनीं महाराष्ट्र कैडर से रिटायर्ड IAS नीलिमा केरकेट्टा
JPSC: लंबी प्रतीक्षा के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग को नया अध्यक्ष मिल गया है. झारखंड सरकार ने महाराष्ट्र कैडर की रिटायर आईएएस मैरी नीलिमा केरकेट्टा को झारखंड लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके साथ ही वो जेपीएससी की पहली महिला अध्यक्ष बन गई हैं.
रांची: JPSC: लंबी प्रतीक्षा के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग को नया अध्यक्ष मिल गया है. झारखंड सरकार ने महाराष्ट्र कैडर की रिटायर आईएएस मैरी नीलिमा केरकेट्टा को झारखंड लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके साथ ही वो जेपीएससी की पहली महिला अध्यक्ष बन गई हैं. राज्य सरकार ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है.
1994 बैच की आईएएस अधिकारी
नीलिमा केरकेट्टा महाराष्ट्र कैडर की 1994 बैच की आईएएस अधिकारी रह चुकी हैं. उनके पास महाराष्ट्र सरकार में वह लोक स्वास्थ्य विभाग में प्रधान सचिव तथा महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल में सीईओ आदि के पद पर कार्य करने का अनुभल है. नीलिमा पांच साल तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर चुकी हैं. इसके अलावा झारखंड में भी प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए उन्होंने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, पर्यटन, कला संस्कृति सहित कई विभागों में काम किया है.
कांके में रहती हैं नीलिमा केरकेट्टा
रांची के कांके में रहने वाली नीलिमा केरकेट्टा के पिता डॉ. आर केरकेट्टा जानेमाने कृषि वैज्ञानिक थे. वो बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं. जेपीएससी में अध्यक्ष की नियुक्ति होने से अब ऐसी संभावना है कि लंबित परीक्षाओं का शीघ्र आयोजन हो सकेगा. जेपीएससी में अध्यक्ष नहीं होने के चलते विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन, इंटरव्यू और परीक्षा संबंधी कार्यों को लेकर निर्णय नहीं हो पा रहे थे. हालांकि, जेपीएससी में सदस्य के तीन पदों पर प्रो अनिमा हांसदा, डॉ अजिता भट्टाचार्य और डॉ जमाल अहमद कार्यरत हैं.
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JPSC के संचालन का दायित्व अध्यक्ष के पास
नियमों के अनुसार जेपीएससी के संचालन का मूल दायित्व जेपीएससी अध्यक्ष के पास है. इस कारण परीक्षाओं के आयोजन परेशानी हो रही थी. मुख्यमंत्री को कार्मिक विभाग ने अगले अध्यक्ष के मनोनयन का प्रस्ताव दिया था. प्रस्ताव में अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, दिलीप टोप्पो, शिशिर कुमार सिन्हा, डॉ माधव शरण सिंह, चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप,मेघू बड़ाईक व अन्य के नाम दिये गये थे.