Ranchi: karma puja 2022: करमा पूजा का झारखंड में बहुत महत्व है. करमा पूजा को शांति और खुशहाली का प्रतिक माना जाता है. यह त्योहार झारखंड की संस्कृति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. करमा पूजा में बांस की डाली का बहुत महत्व है.  इस दिन लड़कियां सारा दिन व्रत रखती हैं. इसके बाद शाम को बांस की डाली की पूजा करती हैं. इस त्योहार की रात को लोग झारखंड के लोकनृत्य और गीतों का आनंद लेते हैं. इस त्योहार की करमा डाली का भी नाम दिया गया है. 


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शाम को पूरा परिवार होता है एक साथ


करमा पूजा के लिए शाम के वक्त पूरा परिवार इकट्ठा होता है. इसमें सभी लोग नए कपड़े और गहने पहनते हैं. जिसके बाद करमा की डाली को एक बार में काट दिया जाता है. उसके बाद इसी की पूजा की जाती है. 


इस त्योहार की खासियत यह है कि सभी बहने अपने भाइयों की सलामती के लिए उपवास रखती है. जिसमें भाई करम की डाल को लेकर घर के आंगन में गाड़ते हैं. उसके बाद देर रात तक घर की महिलाएं लोकनृत्य करती हैं और गीत गाती हैं. इसके बाद अगली सुबह उसी करम डाली का विर्सजन किया जाता है.


करमा पर्व से जुड़ी कथा 


हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस पर्व के पीछे एक कथा है. प्राचीन कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि कर्मा और धर्मा दो भाई हुआ करते थे. दोनों ही भाई अपनी छोटी बहन से बेहद प्यार करते थे. उनकी छोटी बहन अक्सर भगवान की पूजा भक्ति किया करती थी और साथ ही करम पौधे की पूजा किया करती थी. बताया जाता है कि एक बार कुछ दुश्मनों ने गांव पर हमला कर दिया था. जिसके बाद दोनों भाईयों ने बड़ी ही बहादुरी के साथ अपनी बहन को उन दुश्मनों से बचाया था. जिसके बाद कर्मा-धर्मा की बहन ने खुश होकर दोनों भाइयों के लिए करम पौधे के पूजा की थी और अपने भाईयों के लिए धन, सुख समृद्धि की मांग की थी. जिससे वह लोग काफी अमीर हो गए थे. तभी से यह करम पूजा होता आ रही है. जिसमें बहनें अपने भाइयों के लिए सारा दिन उपवास रखती है और उनकी सुख समृद्धि के लिए पूजा करती हैं.


 


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