Ranchi: झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था और मजबूत करने को लेकर नई-नई नीति बनाकर धरातल पर उतारने प्रयास कर रही ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण लातेहार में शिक्षा विभाग की हालत इतनी बुरी है कि पढ़ने वाले छात्रों के पास पढ़ने के लिए कमरे तक नहीं हैं. यहां बच्चियों की उपस्थिति 3500 है, जिसमे उन्हें पढ़ाने के लिए 17 टीचर हैं और बैठने के लिए इन बच्चों के पास सिर्फ 17 ही कमरें है. जिस वजह से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. 


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जानें है पूरा मामला


लातेहार ज़िले के बालूमाथ प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय कृत प्लस टू उच्च विद्यालय में कुल 17 कमरे हैं. जिसमे कुल 10 कमरों में पढ़ाई होती है,बाकी कमरों का उपयोग लाइबेरी ,स्मार्ट क्लास,कंप्यूटर रूम,ऑफिस समेत अन्य कार्यों के लिए किया जाता है. हर कमरे में एक बार में 100 बच्चों के बैठने की क्षमता है. लेकिन क्लास में बच्चे ज्यादा बैठते है साथ ही इस विद्यालय में 3500 बच्चों का नामांकन हुआ है. 


ऐसे में कमरों के अभाव में बच्चे स्कूल में काफी कठिनाई से बच्चे अपनी पढ़ाई करने को विवश है . 17 कमरों में से चार छोटे कमरे को स्कूल का ऑफिस भी बनाया गया है. वहीं अन्य एक कमरे का लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, कमरों के हिसाब से स्कूल में 1000 बच्चों के ही बैठने की क्षमता है.


स्कूल में है टीचर की कमी


स्कूल में कमरे की कमी को लेकर स्कूल के शिक्षक यह बात माने तो स्कूल में बच्चों की उपस्थिति लगभग 3000 के पास रहती है कमरे की कमी तो है किसी तरह बच्चों को पढ़ाया जा रहा है . वही स्कूल में शिक्षा की कमी है, जिन शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ था, उनकी जगह पर कोई दूसरा नहीं आया है. इस वजह से भी बच्चों को थोड़ी परेशानी हो रही है.