मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी को याद आया झारखंड का ये गांव, पूरे देश को सुनाई इनकी आत्मनिर्भरता की कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम `मन की बात` में लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित पहाड़ी क्षेत्र के मसियातु गांव के कारीगरों के कार्यों को लेकर बात की.
लोहरदगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित पहाड़ी क्षेत्र के मसियातु गांव के कारीगरों के कार्यों को लेकर बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मसियातु गांव के तुरी समाज द्वारा किए गए बम्बू क्राफ्ट को लेकर बात की. यहां के 350 परिवार के लोग बंबू क्राफ्ट के स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं.
सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र मसियातु के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी बंबू क्राफ्ट के माध्यम से अपनी जीविका चला रहे हैं. बांस के बने उत्पादों से यह आत्मनिर्भर हो रहे हैं. परिवार का हर सदस्य इस काम से जुड़ा हुआ है. यहां के लोगों की जिंदगी इसी पर निर्भर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मसियातु गांव के आत्मनिर्भर होने की तस्वीर पूरे देश को दिखाई गई.
इस कार्यक्रम से गांव में खुशी की लहर है. लोग अपने कार्यों को राष्ट्रीय पटल पर देख काफी उत्साहित है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर कार्य करने की बात कही. वहीं बम्बू क्राफ्ट कर रहे लोगो ने सरकारी अनुदान का मांग करते हुए रोजगार से राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का बात कही. प्रधानमंत्री ने मन के बात में दूध डेयरी से जुड़े स्वरोगर, राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते खिलाड़ियों के साथ देश के टूरिस्ट स्पॉट को बढ़ावा देने की बात कही.
मिशन चंद्रयान को लेकर भी की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि मिशन चंद्रयान नए भारत की भावना का प्रतीक बन गया है. पीएम मोदी ने कहा, ''मिशन चंद्रयान नए भारत की भावना का प्रतीक बन गया है जो जीत सुनिश्चित करना चाहता है और हर स्थिति में जीतना भी जानता है.'' भारत के चंद्रमा लैंडर ने योजना के अनुसार बुधवार शाम को सफलतापूर्वक चंद्रमा की धरती पर अपने चारों पैर धीरे-धीरे और सुरक्षित रूप से स्थापित कर दिए. इस प्रकार भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. 40 दिनों से अधिक समय तक लगभग 3.84 लाख किमी की यात्रा करने के बाद लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा.
(इनपुट:पारस कुमार साहू/भाषा के साथ)