रांची:Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत 29 जुलाई से हो रही है. ऐसे में इसे लेकर तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं. रांची में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने मानसून सत्र की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान स्पीकर ने अधिकारियों को कई अहम निर्देश भी दिएं. स्पीकर ने कहा कि यह सत्र भले ही छोटा है, लेकिन जो भी कार्य दिवस है, उसे प्रभावी बनाने के लिए काम करने की जरूरत है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2 विधेयक राजभवन से लौटा
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि सभी पदाधिकारी इस सत्र में पदाधिकारी दीर्घा में मौजूद रहे, इसे भी सुनिश्चित करने का निर्देश चीफ सेक्रेटरी को दे दिया गया है, ताकि किसी को भी शिकायत का मौका ना मिले. वहीं उन्होंने जानकारी दी कि किसी भी विधेयक को सदन पटल पर रखने से पहले उसे सही तरीके से देखकर लिया जाए, भाषा में किसी तरह की त्रुटि ना हो, जिससे शब्दों के कोई और मायने निकले, इसका विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. इसका कारण ये है की पिछले सत्र के बाद 2 विधेयक राजभवन से लौटा दिए गए थे. 


कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन 
दरअसल, विधानसभा से विधेयक हिंदी प्रारूप में पास होता है, लेकिन राजभवन को अंग्रेजी में ट्रांसलेट करके भेजा जाता है, इसी क्रम में ट्रांसलेशन के दौरान कुछ शब्दों के मायने कुछ गलत समझ लिए गए, लिहाजा राजभवन से विधेयक वापस कर दिया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए सदन में बिल पेश करने से पहले पूरा काम सही तरीके से करने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि बिल पास करने में समय की काफी खपत होती है. इसके अलावा विधानसभा सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. सत्र के दौरान कोविड नियमों का ध्यान रखा जाएगा. सभी लोग सावधानी बरतें, जिन्होंने टेस्ट नहीं कराए हैं, उनके लिए टेस्ट को जरूरी करने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही कोविड के बूस्टर डोज का भी प्रबंध होगा.


ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन ने बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभुकों को किया सम्मानित, सीएम बोले- सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिले


सर्वदलीय बैठक से सीएम नदारद 
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम समेत झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक और निर्दलीय विधायक मौजूद रहे. हालांकि बैठक से बीजेपी के विधायक नदारद रहे. बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मॉनसून सत्र सही ढंग से चले और जनता के विभिन्न समस्याओं के मुद्दे पर सदन में सही से चर्चा हो, यही कोशिश है. उन्होंने कहा की मॉनसून सत्र में सूखे की समस्या पर विशेष चर्चा होगी, 15 अगस्त तक बारिश नहीं हुई तो सुखाड़ घोषित किया जाएगा.
बता दें की सत्र आहूत करने से पहले कई महत्वपूर्ण बैठकें होती हैं. मीडिया, राज्य के मुख्य सचिव, सभी सेक्रेटरी, तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मीटिंग करनी होती है. विधानसभा अध्यक्ष मानसून सत्र को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं. और इसी कड़ी में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी.


इनपुट: आशीष कुमार तिवारी