रांची: झारखंड विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने यह ऐलान किया. वर्ष 2019 में जब राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार बनी थी, तभी उन्होंने इसे समर्थन देने का ऐलान किया था. तब से लेकर अब तक सदन में एक से ज्यादा बार विश्वास मत के मौके आए, जिसमें उन्होंने सरकार का समर्थन किया.


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बता दें कि एनसीपी विधायक के इस फैसले से सोरेन सरकार पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा. उसके पास पर्याप्त संख्या बल है. कमलेश सिंह विधानसभा में पलामू के हुसैनाबाद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने हाल में सरकार से हुसैनाबाद को जिला बनाने की मांग रखी थी और इसके लिए 31 अक्टूबर तक की डेडलाइन दी थी. उन्होंने कहा कि सरकार जनभावनाओं का सम्मान नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने समर्थन वापस लेने का फैसला किया है.


साथ ही कमलेश सिंह एनसीपी के अजीत पवार गुट के साथ हैं. इसे लेकर एनसीपी शरद पवार गुट के महाराष्ट्र के विधायक जितेंद्र अवहद ने उनके खिलाफ झारखंड विधानसभा के स्पीकर के पास दल-बदल की शिकायत की थी. इस मामले में स्पीकर की कोर्ट में कार्यवाही फिलहाल विचाराधीन है. झारखंड विधानसभा के स्पीकर ने दलबदल की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस भेजा है.


कमलेश सिंह झारखंड विधानसभा में हुसैनाबाद सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसपर इसी शिकायत के आलोक में स्पीकर का ट्रिब्यूनल इस मामले में 12 अक्टूबर को पहली सुनवाई करेगा. इसकी सूचना कमलेश सिंह के अलावा शिकायतकर्ता को भी भेज दी गई है.


इनपुट- आईएएनएस


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