रांची एयरपोर्ट से मरीज को चादर में लपेट कर ले जाने का मामला, प्रबंधन ने जताया खेद
जानकारी के अनुसार संबंधित यात्री को दिल्ली में व्हीलचेयर की सुविधा प्रदान की गई थी. यात्री द्वारा बताया गया कि उन्हें कोई अन्य समस्या नहीं है. संबंधित यात्री को रांची हवाई अड्डा में आगमन पर एयर एशिया के अधिकारियों ने व्हीलचेयर की सुविधा प्रदान की.
रांचीः Birsa Munda Airport Ranchi: गुरुवार को राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मरीज को चादर में लपेट कर एयरपोर्ट से एंबुलेंस पहुंचाने का मामला सामने आया था. इस मामले पर एयरपोर्ट प्रबंधन ने खेद व्यक्त किया. इस मामले से संबंधित तस्वीर काफी वायरल हुई थी. एयरपोर्ट प्रबंधन ने प्रेस विज्ञप्ति कर अपनी ओर से मामले के बारे में दी जानकारी दी है. प्रबंधन ने कहा एक महिला यात्री अपने पति और पुत्र के साथ एयर एशिया विमान से दिल्ली से रांची हवाई अड्डे पर उतरी थी.
एयरपोर्ट ने जारी की विज्ञप्ति
जानकारी के अनुसार संबंधित यात्री को दिल्ली में व्हीलचेयर की सुविधा प्रदान की गई थी. यात्री द्वारा बताया गया कि उन्हें कोई अन्य समस्या नहीं है. संबंधित यात्री को रांची हवाई अड्डा में आगमन पर एयर एशिया के अधिकारियों ने व्हीलचेयर की सुविधा प्रदान की. यात्री व्हील चेयर पर बार-बार बेहोश हो रही थी, इसको देख कर व्हीलचेयर स्टाफ आगमन कक्ष में स्थित मेडिकल कक्ष में डॉक्टर को सूचित करने के लिए गया. इसी क्रम में उस महिला के पुत्र ने उन्हें व्हीलचेयर से नीचे उतारा और डॉक्टर आने की प्रतीक्षा नहीं की और बैग से चादर निकाली और उन्हें एंबुलेंस तक ले जाने का निर्णय लिया.
पहले से परिवार वालों ने एयरपोर्ट पर एंबुलेंस बुलाकर रखा था, इस क्रम में डॉक्टर के आगमन पर उन्हें स्ट्रेचर देने का अनुरोध किया गया लेकिन उनके पुत्र ने कहा हमें जल्दी है हमारा एंबुलेंस बाहर इंतजार कर रहा है.
रांची के बिरसा मुंडा एयपरपोर्ट को मिला था अवार्ड
असल में रांची के बिरसा मुंडा एयपरपोर्ट को यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए अवार्ड मिल चुका है. मगर वायरल तस्वीर से सामने आया कि यहां सुविधाओं का दावा सिर्फ खोखला है. एक वायरल तस्वीर में कहा गया कि दिल्ली से रांची विमान से पहुंची एक महिला मरीज को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं उपलब्ध कराया गया. महिला मरीज को चादर में लपेट कर अस्पताल पहुंचा गया. जानकारी के अनुसार, महिला मरीज की स्थिति अच्छी नहीं थी. वह चल नहीं सकती थी. उसे अस्पताल में भर्ती करवाना था. ऐसे में जब परिजनों को स्ट्रेचर की सुविधा नहीं मिली तो परिजनों ने चादर का सहारा लिया और महिला मरीज को उसमें लपेट कर एयरपोर्ट से बाहर ले गए. महिला मरीज को रांची के बरियातू स्थित पल्स अस्पताल में भर्ती कराना था.