भाकपा नेता की मौत के बाद राजनीतिक बवाल, बाबूलाल मरांडी ने कहा-`यहीं है कानून व्यवस्था की असलियत`
CPM Leader Subhash Munda Murder: झारखंड की राजधानी रांची में बुधवार शाम को अज्ञात लोगों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी. ये वारदात बुधवार रात करीब आठ बजे की है.
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में बुधवार शाम को अज्ञात लोगों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी. ये वारदात बुधवार रात करीब आठ बजे की है. इसकी खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए. इस मामले को लेकर अब राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है. भाकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या के बाद राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास ने ट्वीट किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जब राजधानी रांची की पुलिस व्यवस्था और सिपाही, दरोगा से लेकर ऊपर तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा “इंटू-चिंटू” जैसे अयोग्य और अज्ञानी लोगों के डायरेक्शन पर चलेगा, उग्रवादियों की तरह सत्ताधारी लोग असामाजिक तत्वों, अपराधियों से “लेवी-चंदा” लेंगे तो अपराध आखिर कैसे रुकेगा?
वहीं दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री जी! राँची महानगर में आये दिन आदिवासियों की जमीनों पर अवैध कब्जे की खबरें आती है. आदिवासी उत्पीड़न के सैकड़ों मामले आते रहते है. कल भी एक आदिवासी नेता की हत्या कर दी गई. उन्होंने आगे लिखा कि क्या पूरे राँची महानगर में थाना प्रभारी बनाने के लिए आपको एक भी आदिवासी पुलिस ऑफिसर नहीं मिला? या फिर आदिवासी पुलिस ऑफिसर आपके “सीएम हाउस कमांड पेड ट्रांसफर पोस्टिंग सिस्टम” के शिकार है?
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया ट्वीट
वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राजधानी रांची में एक बार फिर अपराधियों ने सरकार को खुली चुनौती दी है। इनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि ऑफिस में घुस कर आदिवासी नेता को गोलियों से भून दिया. हेमंत सरकार की अक्षमता के कारण आज राज्य में अराजकता की स्थिति बन गई है.
उन्होंने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री जी को राज्य की नहीं केवल राजनीति की चिंता है. अपने प्रतिद्वंदियों को झूठे केस में कैसे फंसाया जाए, राजनीतिक लाभ के लिए लोगों से क्या-क्या झूठ बोला जाए, अवैध कमाई कैसे हो? इन्हीं चीजों में ये सरकार लिप्त है, तो अपराधी बेलगाम क्यों नहीं होंगे.
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