दुमकाः दुमका में अंकिता सिंह की दर्दनाक हत्या के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि बिटिया अंकिता की हत्या झारखंड को शर्मसार करने वाली घटना है. झारखंड सरकार की वोट बैंक की तुष्टिकरण की राजनीति के चलते झारखंड की बेटी भेंट चढ़ गई. वह 7 दिन तक रांची में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही थी और मुख्यमंत्री अपने विधायकों के साथ मौज मस्ती कर रहे थे, सीटी बजा रहे थे. मटन चावल खा रहे थे, जिस तरह आरोपी हंसते हुए नजर आ रहा है, आरोपी को थोड़ा सा भी डर नहीं है, मुख्यमंत्री के चलते आरोपी को बढ़ावा मिला है. 


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राज्य सरकार करती है तुष्टीकरण की राजनीति
पूर्व सीएम ने यह भी सवाल उठाया कि कहीं, इस घटना में पीएफआई का हाथ तो नहीं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पीड़ित परिवार को 1 करोड़ और एक सरकारी नौकरी के साथ आरोपियों को फांसी की सजा जल्द दिलवाई जाए. जब से घटना हुई तब से पीड़ित परिवार अस्पताल गए और उनसे लापरवाही बरती गई, बावजूद मुख्यमंत्री के विधानसभा है ना कोई मंत्री गया ना ही विधायक देखने गया, और हिंदू की बेटी तड़प तड़प कर मर गई, कोई देखने नहीं गया. रांची में नदीम द्वारा पुलिस पर गोली चलाई गई. उसमें घायल हुए नदीम को एयर एंबुलेंस से राज्य सरकार के खर्चे पर दिल्ली भेजा गया था, राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है.


वहीं, सीएम सोरेन ने इस मामले में ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, अंकिता बिटिया को भावभीनी श्रद्धांजलि. अंकिता के परिजनों को रु 10 लाख की सहायता राशि के साथ इस घृणित घटना का फ़ास्ट ट्रैक से निष्पादन हेतु निर्देश दिया है. पुलिस महानिदेशक को भी उक्त मामले में एडीजी रैंक अधिकारी द्वारा अनुसंधान की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने हेतु निर्देश दिया है. 


ये है मामला
दुमका में मंगलवार को शाहरुख नाम के एक युवक ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 19 साल की युवती को जिंदा जला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद प्रशासन ने वहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी है. दुमका के पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने बताया कि घटना में 90 फीसदी झुलस गयी युवती को इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार तड़के ढाई बजे उसकी मौत हो गयी.