रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा में जमकर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा का सत्र भी सत्ता पक्ष के लोग चलने नहीं दे रहे हैं. ऐसे में विपक्ष पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए. सदन सर्वसम्मति से चलता है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में तस्वीर दिखाते हुए कहा की भाजपा के सदस्य 1932 के विरोध में बैनर पोस्टर लेकर खड़े हैं. जब हम केंद्र से अपना अधिकार मांगते हैं तो ये डराना शुरू कर देते हैं. आज जो स्थिति है उसमें राज्य सरकारों को भीखमंगा बनाकर रख दिया गया है. राहुल गांधी को दो साल की सजा के मामले पर सदन में हेमंत सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन यह जो कुछ भी हो रहा है गलत हो रहा है, आद देश में बोलने की आजादी नहीं है. आप सरकार के खिलाफ बोलेंगे तो आप जेल में डाल दिए जाएंगे. मदर ऑफ डेमोक्रेसी को फादर ऑफ पावर ने कुचल डाला है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि यह वही लोग हैं जो हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज से यात्रा कराने की बात करते थे. इस अमृत काल में यह लोग अमृत पी रहे हैं लेकिन आज भी गरीब नाली का पानी पीने को मजबूर है. जबसे केंद्र में इनकी सरकार बनी है तबसे गरीब, किसान, मजदूर, नौकरी पेशा सभी वर्ग के लोगों में निराशा है. इनलोगों ने किसानों का क्या ऋण माफ किया. आज इसी का परिणाम है कि ये डबल इंजन से सिंगल इंजन में आ गए हैं और आने वाले दिनों में एक भी इंजन नहीं रहेगा. 


उन्होंने तल्ख तेवर में कहा कि जो देश को लूट कर ले जाता है उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती. इन लोगों ने बाहरियों के लिए रास्ता छोड़कर यहां के मूलवासी आदिवासी, दलित, पिछड़ों के हक को छीनने का कार्य किया है. यह लोग जनता को दिग्भ्रमित करने वाले लोग हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोग आज इसीलिए हल्ला कर रहे हैं ताकि मेरी आवाज दब जाए. हमारा ही पैसा और हमें ही नहीं दिया जा रहा है. जब पैसा मांगो तब ईडी और सीबीआई हमारे पीछे लगा देते हैं. गरीबों के कंबल किसने लुटे इनसे पूछा जाए. 


झारखंड का ग्यारह लाख राशन कार्ड किस ने रद्द कराए. हाथी उड़ाने का काम किसने कराया. यही वजह है कि उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा है और आने वाले दिनों में पूरे देश में सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा. हमने सीमित संसाधनों में राज्य के लिए बेहतर कार्य करने का काम किया है. यह हमारी कमजोर नहीं है, ना हीं समझें. यह वो शेर का बच्चा है जो कर दिखाएगा. 11लाख राशन कार्ड जो डिलीट किए गए थे उसे राज्य सरकार ने अपने कंधे पर लेकर उनलोगों को राशन उपलब्ध कराने का कार्य किया. जब तक इनकी सरकार थी तो मात्र 6.50 लाख लोगों को पेंशन मिलता था और आज वह पेंशन धारी की संख्या 20 लाख 65 हजार के पार है. कोरोना के समय में केंद्र सरकार पैसा देगी या नहीं देगी इसके चिंता किए बगैर हमने मदद करने का कार्य किया. यहां तक कि भारत सरकार राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए कानूनों को स्टडी कर रही है.


(REPORT-ABHISHEK BHAGAT)


ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में एक बार फिर तमंचे पर डिस्को का वीडियो वायरल, जांच में जुटी पुलिस