रांचीः राजधानी रांची के धुर्वा डैम डैम की पहचान अब लोगों की डूबने की मौत से हो रही थी. इस पर विराम लगाने के लिए झारखंड सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा अनोखा प्रयास किया जा रहा है. जिससे इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से विराम लगाया जा सके. धुर्वा डैम में लगातार नहाने के दौरान डूबने से लोगों की मौत हो रही थी. 


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इसकी रोकथाम को लेकर अब धुर्वा डैम की कटीले तारों से घेराबंदी का काम शुरू हो गया है. डैम के किनारे- किनारे कटीली तारों से घेराबंदी होगी. धुर्वा डैम के वीडियो गांव से रिंग रोड होते हुए पत्रावली तक लगभग 6 किलोमीटर तक कटीली तार से घेराबंदी की जाएगी. जानकारी के मुताबिक 60 से 70 लाख रुपए घेराबंदी में राशि खर्च होने की संभावना है. विभाग को 6 माह के अंदर काम पूरा करके दिखाना है. 


जानें किस वर्ष हुई कितनी मौत
2019 में 13 मौत.
2020 में 14 मौत.
2021 में 15 मौत. 
2022 में 8 मौत.


झारखंड सरकार के पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में विकास करना चाहती है और लोगों के हित में काम कर रही है. इसी के तहत रांची के धुर्वा डैम और कांके डैम लगातार लोगों की डूबने से मौत हो रही थी. साथ ही साथ डैम के आसपास बड़ी संख्या में अतिक्रमण किया जा रहा था. जिस पर रोक लगाने के लिए विभाग द्वारा कांटे वाले तार से उस क्षेत्र को खोला जा रहा है. जहां युवा डैम के किनारे पहुंचते थे और सेल्फी लेने के दौरान युवक गहरे पानी में उतर जाते थे. जिसके बाद उनकी डूबने से मौत हो जाती थी. इस पर लगाम लगाने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा कदम बढ़ाया गया है और दोनों डैम के किनारे लाखों की लागत से कांटे वाली जाल लगाई जा रही है. जिससे युवा डैम के पानी में ना उतर सके. 


(इनपुट-आशीष कुमार तिवारी)


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