Ranchi: कोरोना वायरस (Coronavirus) की मार से पूरा देश और पूरी दुनिया बेहाल है. कोरोना महामारी ने जहां अब तक देशभर में जहां लाखों लोगों की जान ले ली है, वहीं इसका साइड इफेक्ट भी दिखाई देने लगा है.


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इस जानलेवा वायरस ने ना सिर्फ लोगों का जीना मुहाल कर दिया है बल्कि इसके कई दूसरे असर का भी दूरगामी प्रभाव दिखाई देने लगा है. कोरोना संक्रमण (Corona Chain) से बचने के लिए जरूरी है कि इसकी चेन को तोड़ा जाए ताकि संक्रमण एक से दूसरे तक न पहुंचे.


इस चेन को तोड़ने के लिए भारत में अलग-अलग राज्यों की सरकारें अपने-अपने तरीके अपना रही है. कहीं लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है तो कहीं कर्फ्यू के जरिए चेन को तोड़ने की कोशिश की गयी है.


इसका असर भी दिखने लगा है और पिछले कुछ दिनों में देशभर में संक्रमण की रफ्तार कम हुई है. हर रोज संक्रमितों का आंकड़ा करीब चार लाख तक पहुंचने के बाद अब इसमें गिरावट आ रही है. इसके साथ ही लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसे एहतियाती उपायों से दैनिक रोजगार से जुड़े लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.


झारखंड में भी राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लगाया है. इसके तहत दोपहर दो बजे के बाद लोगों के घरों से निकलने पर मनाही है. सरकारी आदेश के अनुसार लोग सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही बाहर निकल सकते हैं और अपने जरूरी काम निपटा सकते हैं.


ऐसे में छोटे किसानों की हालत हर रोज खराब होती जा रही है. दूर-दराज से छोटे किसान दौड़ते-भागते राजधानी रांची के बाजार तक पहुंचते हैं. बाजार तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें देर हो जाती है. कभी-कभी तो वे दिन के 10 बजे तक बाजार पहुंच पाते हैं.


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ऐसे में उन्हें अपनी सब्जी बेचने के लिए दो-तीन घंटे ही मिल पाते हैं. जाहिर है कि किसानों को अपनी ताजी सब्जी को बेचने के लिए काफी कम वक्त मिल पाता है. इतने कम समय में उनकी सब्जी बिक नहीं पाती. ऐसी हालत में उनकी सब्जियां खराब हो जाती हैं और इतने पैसे भी नहीं मिल पाते कि परिवार का गुजारा हो सके.


घर चलाने की इस मजबूरी के बीच ये छोटे किसान सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि अब इस महामारी व लॉकडाउन के दौरान सरकार ही उसकी समस्या का कुछ समाधान निकाले.