हजारीबाग: हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 22 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टाटी झरिया प्रखंड के रहने वाले ऋषिकेश का चयन DCCI के तहत झारखंड की टीम के लिए हुआ है. DCCI, BCCI की एक यूनिट है जो डिसएबल क्रिकेट से जुड़ी हुई है. टाटी झरिया के रहने वाले ऋषिकेश बचपन से दिव्यांग है तथा उनका एक पैर नहीं है परंतु एक पैर न होने के बावजूद भी ऋषिकेश एक मंजे हुए क्रिकेटर हैं तथा एक पैर से ही अच्छी बैटिंग और बॉलिंग कर लेते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



ऋषिकेश के चयन से पूरा टाटीझरिया प्रखंड खुश है साथ ही जब हमने ऋषिकेश से बात तो उन्होंने अपनी पूरी जर्नी . उन्होंने बताया कि एक पैर न होने के कारण उन्हें गांव में होने वाले क्रिकेट में खेलने नहीं दिया जाता था परंतु जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने गांव के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया तथा ऐसे ही गांव के एक टूर्नामेंट में एक टीम के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने अच्छा स्कोर बनाया परंतु जिस टीम के खिलाफ उन्होंने अच्छा स्कोर बनाया इस टीम में उनके कोच गोपाल सर खेल रहे थे तथा उनके कोच गोपाल ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें वहां से अपने क्रिकेट अकादमी में आकर क्रिकेट सीखने की पेशकश कर दी. 


गुरु द्रोण की नजर से देखते हुए कोच गोपाल ने इन्हें ट्रेनिंग देना स्टार्ट किया और एक पैर से विकलांग एक लड़का आज DCCI के तहत चयनित होकर झारखंड को रिप्रेजेंट करने जा रहा है . ऋषिकेश के झारखंड टीम में चयन होने पर टाटी झरिया के सभी लोगों के साथ-साथ उनके पापा भी काफी खुश हैं. उन्होंने अपने बेटे को कभी खेलते हुए तो नहीं देखा है परंतु वह उनका पूरा समर्थन करते हैं . एक मध्यम वर्गीय परिवार का बच्चा आज झारखंड की टीम में है इसे पूरा परिवार काफी खुश है. 


जिस क्रिकेट अकादमी में ऋषिकेश सीखते हैं तथा उनके कोच गोपाल ने भी बात करते हुए खुशी जाहिर की तथा यह इच्छा जाहिर करते हुए बताया कि अगर इन्हें ऐसे ही सहयोग मिलता रहा और यह लड़का ऐसे ही क्रिकेट खेलता रहा तो वह दिन भी दूर नहीं जब यह टीम इंडिया के दिव्यांग क्रिकेट टीम में चयनित होकर नीली जर्सी में भारत को रिप्रेजेंट करेगा. ऋषिकेश के आइडियल खिलाड़ी रोहित शर्मा और झारखंड के लाल झारखंड के युवराज महेंद्र सिंह धोनी है तथा ऋषिकेश उनके जैसा ही क्रिकेट खेलना चाहता है.