रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े मामले में अब तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. सत्ताधारी दल चाहता है इस प्रकरण से जुड़ी तस्वीर साफ हो और जो भी निर्णय दिया जाना है उसे सार्वजनिक कर दिया जाए. सत्ताधारी दल के लोग एक साथ इस मामले में चौतरफा रणनीति बनाने में जुटे हैं. सीएम के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर सस्पेंस बरकरार है. सत्ताधारी दल चाहता है तस्वीर साफ हो. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा हम अभी इस पर क्या जवाब देगें, हम तो तब जवाब देगें जब उधर से कोई बात आयेगी. इस पर हम क्या बोलें, जिनको बोलना है उन से क्यों नहीं पूछते हैं आप लोग. हम से क्यों पूछते हैं.


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क्यों खामोश है राजभवन
इस मामले पर सूबे के पेयजल मंत्री ने भी कहा, अब तो सब कुछ राजभवन पर है और राजभवन खामोश बैठा है. राजभवन किस कारण खामोश बैठा हुआ है ये तो एक बड़ा सवालिया निशान इस पर खड़ा होता है. लोकतंत्र में इस तरह का आचरण उचित नहीं है. इस मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा, इस मामले का निराकरण होना चाहिए, हमको हां या ना से मतलब नहीं है. हम हर परिस्थिति के लिए तैयार है,लेकिन इसका निराकरण होना चाहिए.इसी में लोकतत्र की भलाई है. 


कानून कर रहा है अपना काम
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा, कानून अपना काम कर रहा है. कानून को अपना काम करने में किसी को थोड़ी भी राजनीति नहीं करनी चाहिए या बाधा नहीं डालना चाहिए. ये लोग डरे और सहमे क्यों हैं. बीजेपी राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा, राज्यपाल के विषय में टिप्पणी करने से जेएमएम और कांग्रेस के लोगों को बचना चाहिए. अनावश्यक बातें राज्यपाल के बारे में नहीं बोलनी चाहिए.