Tender Commission Scam: IAS मनीष रंजन ने कई सवालों पर साधी चुप्पी, ED ने तीन जून को फिर बुलाया
Tender Commission Scam: झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने बीते दिन बुधवार को रांची में दो ठिकानों पर छापेमारी की. दोनों ठिकाने आईएएस मनीष रंजन के करीबियों के बताए जा रहे हैं
रांचीः Tender Commission Scam: झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने बीते दिन बुधवार को रांची में दो ठिकानों पर छापेमारी की. दोनों ठिकाने आईएएस मनीष रंजन के करीबियों के बताए जा रहे हैं. सूचना के अनुसार, ईडी की टीम ने रांची के कोकर इलाके में अयोध्यापुरी में एक निजी बैंक के मैनेजर और पिस्का मोड़ इलाके की तेल गली में एक डेंटिस्ट के आवासों की तलाशी ली है. रात करीब आठ बजे ईडी की टीम तलाशी के बाद लौट गई.
एजेंसी को जानकारी मिली थी कि इन दोनों से आईएएस मनीष रंजन की फोन पर लगातार बात होती रही है, कॉल डिटेल्स से इसका खुलासा हुआ है. टेंडर कमीशन के घोटाले में इनके राजदार होने की संभावना है.
मनीष रंजन से ईडी ने मंगलवार को करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी. इस दौरान उनका सामना ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम से कराया गया था. पूछताछ में मनीष रंजन ने कमीशन के आरोपों से इनकार किया, लेकिन जब मंत्री से उनका आमना-सामना कराया गया तो कई सवालों पर उन्होंने चुप्पी साध ली थी. अब ईडी ने उन्हें 3 जून को फिर से तलब किया है.
मनीष रंजन फिलहाल पथ निर्माण एवं भवन विभाग के सचिव हैं. इसके पहले वह लंबे समय तक ग्रामीण विकास विभाग के सचिव रहे हैं. विभाग के टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी की ओर से की गई छापेमारी के दौरान ऐसे कई कागजात एवं साक्ष्य मिले थे, जिनके आधार पर उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई.
बता दें कि ईडी ने 6-7 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम एवं कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर की गई छापेमारी में 37 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी के अलावा कई कागजात और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए थे. इन साक्ष्यों के आधार पर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, ग्रामीण विकास विभाग में कमीशनखोरी के संगठित खेल का खुलासा हो रहा है. आईएएस मनीष रंजन को इस कमीशनखोरी नेटवर्क की अहम कड़ी माना जा रहा है.
इनपुट- आईएएनएस के साथ