Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी के टनल (Uttarkashi Tunnel Collapse) में फंसे मजदूर का इंतजार का हर लम्हा लंबा होता जा रहा है. टनल में फंसे मजदूर के परिवार का दिन तो इस उम्मीद में गुजर जाता है कि शायद आज उनके बच्चे टनल से बाहर होंगे, लेकिन नाउम्मीदी हाथ लगने के बाद रात कयामत की होती है.


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उत्तराखंड टनल हादसे ने राजधानी रांची के ओरामांझी स्थित खेराबेरा गांव में भी बेचैनी खड़ी कर दी है. दरअसल, टनल  (Uttarkashi Tunnel Collapse) में राजधानी रांची के ओरामांझी थाना क्षेत्र के खिराबेरा गांव के 3 लोग भी फंसे है. जबकि गांव से 15 लोग उस टनल में मजदूरी के लिए गए हैं.


इस गांव के तीन लोग हादसे में फंसे हुए है


- नाम अनिल बेदिया, उम्र 18 साल, गायों खेराबेरा
- नाम राजेंद्र बेदिया, उम्र 20 साल, गांव खैराबेरा
- नाम सुखराम बेदिया, उम्र 17 साल, गांव खेराबेरा


ओरमांझी थाना क्षेत्र के खीराबेरा गांव में एक खामोशी पसरी है. इस खामोशी के बीच उन परिजनों की सिसकियां सुनाई पड़ रही है, जिनके बच्चे उत्तराखंड टनल के अंदर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. इस घटना के बाद से संबंधित परिवार के घर में ठीक से चूल्हा भी नहीं जला है. दिन तो इंतजार में किसी तरीके से कट जाता है, लेकिन रात कयामत वाली रात होती है.


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बता दें कि चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए अभियान लगातार चल रहा है. बीते 16 दिनों से टनल के अंदर फंसे मजदूरों की सेहत अभी ठीक बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि मजदूरों को पाइप के जरिए लगातार खाना पहुंचाया जा रहा है. 27 नवंबर, 2023 दिन सोमवार यानी आज 16वें दिन उम्मीद की जा रही है सभी मजदूर सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा.


रिपोर्ट: कामरान जलीली