रांची: Jharkhand News: झारखंड में वर्ष 2023 में कुछ बड़ी हस्तियों की गिरफ्तारियों के साथ ही राजनीतिक उथल-पुथल, तलाशी अभियान और छापे, नकदी की बरामदगी और नक्सलियों एवं सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी के मामले देखने को मिले. झारखंड के लिए वर्ष की शुरुआत जैन समुदाय और संथाल जनजातियों द्वारा ‘पारसनाथ’ या ‘पहाड़ी देवता मरांग बुरू’ पर दावा जताने के साथ उतार-चढ़ाव वाली रही. 


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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरे वर्ष चर्चाओं में रहे जो कथित भूमि और अवैध खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के छह समन के बावजूद पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए. इसी साल आईएएस अधिकारी छवि रंजन की गिरफ्तारी हुई. झारखंड के लिए अच्छी बात यह रही कि इस वर्ष जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक बड़े कार्यक्रम का कार्यान्वयन देखा गया जिससे 58 लाख लोगों को लाभ पहुंचा. राज्य के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन किया. 


इस वर्ष माओवादियों पर सरकार की सख्त कार्रवाई हुई जिसमें कुल मिलाकर 397 माओवादी गिरफ्तार किए गए, नौ मारे गए और 26 ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. राज्य की राजधानी रांची से लगभग 150 किलोमीटर दूर गढ़वा और लातेहार में सुरक्षाबल ‘बूढ़ा पहाड़’ को भी माओवादियों के चंगुल से मुक्त कराने में कामयाब रहे. इस स्थान पर सोरेन भी पहुंचे जो ऐसा करने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं. राज्य के लिए वर्ष की शुरुआत में देश भर में जैन संप्रदाय के लोगों ने पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटक स्थल के रूप में नामित करने वाली अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्हें डर था कि इससे जैन संप्रदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक श्री सम्मेद शिखरजी में शराब पीने और मांस खाने को बढ़ावा मिलेगा.  


झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री सोरेन को भेजे गए ईडी के समन ने खूब सुर्खियां बटोरीं. ईडी के अनुसार, इस मामले से जुड़ी जांच राज्य में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े गिरोह से संबंधित है. इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं. आयकर विभाग की दिसंबर की शुरुआत में हुई कार्रवाई एक बड़ा चर्चा का विषय बन गया. इसमें ओडिशा स्थित शराब निर्माता कंपनी और रांची से कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिवार के स्वामित्व वाली कुछ संबंधित कंपनियों के खिलाफ छापेमारी की गई. कार्रवाई में ओडिशा, झारखंड और देश के अन्य स्थानों से 351 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई जो ‘अबतक’ की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी थी. 


इस साल राज्य सरकार और विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल पर ‘पक्षपातपूर्ण’ होने का आरोप भी लगाया. राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने राज्य के विश्वविद्यालयों में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने सोरेन से जुड़े कथित अवैध खनन मामले पर भी टिप्पणी करते हुए कहा था कि किसी को भी अपने कार्यों के लिए परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. राज्य में साल की शुरुआत में कांग्रेस विधायक नमन बिक्सल कोंगारी, इरफान अंसारी और राजेश कच्छप को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. हावड़ा जिले में उनके वाहन से 49 लाख रुपये नकद मिले थे. हालांकि, उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया था. इस वर्ष झारखंड में भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक बदलाव भी देखने को मिले. पार्टी ने दीपक प्रकाश को हटाकर आदिवासी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को राज्य की कमान सौंपी. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया और पूर्व मंत्री अमर बाउरी को विधानसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा दिया गया.



(इनपुट- भाषा)