Ayodhya Ram Mandir: 500 सालों के इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर में स्वयं रामलला विराजमान होंगे. इतने लंबे संघर्ष के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की जाएगी. इस दिन कूर्म द्वादशी की तिथि है जो कई मायनों में बेहद खास है. ऐसे में आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस दिन एक नहीं दो-दो राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. 


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अयोध्या का राम मंदिर तो वैसे भी 22 जनवरी की तारीख की घोषणा के बाद से ही चर्चा का विषय बन गया है. लेकिन, इसके साथ ही झारखंड के गोड्डा जिले के मेहरमा प्रखंड स्थित कसबा गांव में भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार है. यहां भगवान राम, जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी 22 जनवरी 2024 की तिथि को ही होना है. यह महज संयोग नहीं है बल्कि इसके पीछे की वजह आपको भी हैरान कर देगी. 


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झारखंड के गोड्डा जिले के मेहरमा प्रखंड स्थित जिस कसबा गांव में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है उसको लेकर ग्रामीणों ने काफी संघर्ष किया है. इस मंदिर के निर्माण में एक तरफ तो गांव के तमाम लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया और तमाम बाधाओं के बाद भी इस मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न हो पाया. बता दें कि इस मंदिर के निर्माण में स्थानीय नेताओं जैसे यहां के विधायक और सांसद ने भरपूर सहयोग किया. गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे का योगदान इस मंदिर निर्माण में काफी ज्यादा रहा है. इसके साथ ही महागमा विधानसभा क्षेत्र की विधायक दीपिका पांडेय सिंह का भी सहयोग इस मंदिर के निर्माण में रहा है. इसके साथ ही इसी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व में भाजपा के विधायक रहे अशोक भगत ने भी इस मंदिर निर्माण कार्य में अपना सहयोग दिया है. 


अब एक बार कसबा गांव के इतिहास के बारे में जान लें. यह गांव राजनीतिक रूप से बेहद समृद्ध रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद का यह गांव है. इसके साथ ही केंद्र में राज्य मंत्री के तौर पर काम कर चुके और कई राज्यों में राज्यपाल रहे रामेश्वर ठाकुर का ससुराल भी यह गांव रहा है. यह गांव 1983 विश्व कप क्रिकेट विजेता टीम के एक खिलाड़ी कीर्ति झा आजाद का भी गांव है वह भागवत झा आजाद के छोटे बेटे हैं. जो भाजपा के टिकट पर दरभंगा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. 


राम मंदिर अयोध्या के साथ ही राम मंदिर कसबा में भी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कूर्म द्वादशी की तिथि को रखा गया है. कूर्म मतलब कछुआ जो भगवान विष्णु के अवतार बताए गए हैं और दूसरी तरफ भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम चंद्र भी हैं ऐसे में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यह तारीख सबसे बेहतर मानी जा रही है. ऐसे में देश में भले अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा जोरों पर हो लेकिन यह भी खास होगा कि इतिहास के पन्ने में यह दर्ज हो जाएगा कि इस दिन एक नहीं दो राम मंदिर भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई.