Chhath Puja 2023: सनातन धर्म में वैसे भी सूर्य की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसे में सूर्य की उपासना और आस्था का महापर्व छठ सनातन को मानने वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. वैसे तो बिहार से लेकर पूर्वांचल तक के लोग दुनिया के जिस भी कोने में रहते हैं इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. आपको बता दें कि दीपावली के ठीक 6 दिन बाद शुरू होनेवाला यह त्यौहार 4 दिनों तक चलता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


वैसे आपको बता दें कि कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होनेवाले इस आस्था के महापर्व का पहला दिन नहाय-खाय के साथ शुरू होता है. इसी दिन से इस पूजा का नियम-अनुष्ठान शुरू हो जाता है. वैसे यह भी बता दें कि चतुर्थी से शुरू हुआ यह पर्व सप्तमी के दिन व्रत के पारण के साथ संपन्न होता है. 


ये भी पढ़ें- नहाय-खाय, खरना से लेकर सूर्य को अर्घ्य देने तक जानें क्या है छठ पूजा की विधि


ऐसे में इस पर्व के दिन नहाय-खाय का सीधा सा मतलब तन और मन के साथ खान-पान और रहन-सहन की पवित्रता से जुड़ा हुआ है. इस दिन व्रती अपने घर का गंगाजल से शुद्धिकरण करती हैं. साथ ही शाकाहारी और सैंधा नमक वाला भोजन इस दिन से शरीर की पवित्रता का भी सूचक माना जाता है. 


ये भी पढ़ें- कर्ज से मुक्ति चाहिए तो मसूर दाल के इन उपायों को अपनाएं, फिर देखें चमत्कार


इस नहाय-खाय के दिन पहले परिवार में व्रती महिलाएं भोजन करती हैं और इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में परिवार के अन्य लोग ग्रहण करते हैं. इस पर्व के बारे में मान्यता है कि इसको अगर सही विधि से किया जाए तो हर किसी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वहीं इस त्यौहार में की गई गलती का भी फल तुरंत मिलता है.