नालंदा:Chhath Puja 2023: पूरे देश में अभी छठ पूजा का धूम देखने को मिल रही है. वहीं छठ का त्यौहार आते ही देश भर के सूर्य मंदिरों की चर्चा होनी शुरू हो जाती है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र राजा साम्ब ने द्वापर युग में भारत में 11 और पाकिस्तान में एक सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया था. राजा साम्ब के बनाए गए सूर्य मंदिरों में से एक मंदिर नालंदा जिले में भी है. नालंदा के बड़गांव में स्थित सूर्य मंदिर की चर्चा देश के साथ साथ विदेशों में भी होती है. बड़गांव इसलिए भी प्रसिद्ध है कि छठ पूजा के दौरान यहां दूर-दूर से व्रती आते हैं.


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बड़गांव में सूर्य मंदिर को सदियों से सूर्योपासना का प्रमुख केंद्र माना गया है क्योंकि धार्मिक दृष्टिकोण से इस मंदिर का बहुत ही महत्व है. यहां प्रागैतिहासिक काल से ही एक सूर्य तालाब है. माना जाता है कि बड़गांव से ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की परंपरा शुरू हुई थी. साल में यहां दो बार कार्तिक और चैत्र मास के दौरान छठ में भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. बड़गांव के छठ पूजा को राजकीय मेले का दर्जा भी दिया गया है.


नहाय खाय के साथ ही छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. ऐसे में बिहार के अलग-अलग जिलों के साथ-साथ झारखंड और बंगाल से भी लोग भी नहाय खाय पर अपने परिवार के साथ पहुंचे हैं. झारखंड से आए कुछ लोगों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वो यहा छठ पर्व करने आते हैं. उनकी मन्नत पूरी हुई थी. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से फिलहाल तैयारी पूरी नहीं की गई है जिसके कारण लोग तंबू लगाकर नहाय खाय के दिन प्रसाद बनाने को मजबूर दिखे.


बता दें कि जिला प्रशासन की तरफ से यहां पहली बार छठ पूजा को लेकर टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है. हालांकि ये टेंट सिटी अभी तक पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में जो लोग दूर से यहां व्रत करने आए हैं उनको परेशानी झेलनी पड़ रही है. बड़गांव में छठ पूजा को लेकर एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ मेडिकल टीम, शौचालय आदि की व्यवस्था भी प्रशासन की तरफ से की गई है.


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