Dhanvantari Puja 2024: भगवान धन्वंतरि की पूजा गंभीर बीमारियों और अकाल मृत्यु से बचने के लिए की जाती है. धनतेरस से दो दिन पहले आने वाली त्रयोदशी तिथि को यह पूजा की जाती है, जो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में आती है. इस दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन और यज्ञ किया जाता है. माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार और आयुर्वेद के जनक हैं, जिनसे चिकित्सा और स्वस्थ जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है.


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ज्योतिषाचार्य बृजेश मिश्रा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत और औषधियों के साथ प्रकट हुए थे. उन्हें चिकित्सा के देवता और पहले सर्जन के रूप में सम्मानित किया जाता है. उनके पूजन से न केवल अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि परिवार के सदस्यों के लिए दीर्घायु की कामना भी की जाती है. खासकर यदि कोई परिवार का सदस्य बीमार हो तो धन्वंतरि की पूजा से स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद होती है.


ज्योतिषाचार्य बृजेश मिश्रा इस वर्ष धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी और इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करेंगे. साथ ही, इस दिन परंपरागत रूप से घर में नई वस्तुएं खरीदी जाती हैं, जैसे कि सोने-चांदी के आभूषण या बर्तन, जिससे आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है.


भगवान धन्वंतरि की पूजा के लाभ
इस पूजा से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होता है, विशेष रूप से यदि वे किसी बीमारी से ग्रसित हों. शारीरिक और मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. लंबे समय से चली आ रही बीमारियों में राहत मिलती है. साथ ही लंबा और स्वस्थ जीवन प्राप्त करने के लिए यह पूजा की जाती है. भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद अच्छे स्वास्थ्य, ऊर्जा और शक्ति के लिए सहायक होता है. इसके अलावा धन्वंतरि पूजा का महत्व आयुर्वेद में भी माना गया है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है. इस दिन की गई पूजा से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में खुशहाली और रोगों से मुक्ति मिलती है.


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