Dhanteras: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को दीपावली से ठीक पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है. सनातन धर्म में इस छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन से ही दिवाली की शुरुआत मानी जाती है. बता दें कि इस बार 10 नवंबर को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाएगा. 


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प्रकाश पर्व दीपावली का इसी दिन से शुरुआत होता है. ऐसे में इसी दिन से दीप जलाने की शुरुआत हो जाती है. साथ ही इस दिन दीप दान की परंपरा भी है. इस धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी, झाड़ू आदि की खरीददारी बेहद शुभ माना जाता है. 


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भगवान धनवंतरी, लक्ष्मी मां, गणेश और मां सरस्वती की पूजा इस दिन संध्या के समय में की जाती है. इस दिन लोग घरों में 13 दीपक जलाते हैं. इसी दिन दीपदान की परंपरा भी है. ऐसे में इस दिन दीपदान से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 


धनतेरस के दिन यम को दक्षिण की दिशा में पहला दीपक जलाया जाता है. यह दीपक यम देवता के लिए रखा जाता है. दूसरा दिया मां लक्ष्मी के लिए जलाया जाता है. इसके बाद तुलसी के क्यारे के पास दिया जलाया जाता है. फिर घर के मुख्य द्वार पर दो दिये, घर की छत पर एक दिया और बाकि के बचे दिये को घर के हर कोने में जलाया जाता है. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता बढ़ती है. इसके साथ ही घर में भगवान धनवंतरी की कृपा और आशीर्वाद से सुख-समृद्धि आती है.