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Markesh Yoga: कुंडली में ग्रहों का शुभ या अशुभ संयोग किसी भी जातक के जीवन पर गहरा असर डालता है. यह जातक के जीवन को या तो खउसहाल बना देता है सुख-समृद्धि से भर देता है या फिर ग्रहों का अशुभ संयोग हो तो जीवन को नरक बना देता है. ऐसे में कुंडली में एक अशुभ योग होता है जिसे मारकेश योग के नाम से जाना जाता है. जैसा की नाम से ही आपको पता चल गया होगा. मारकेश का सीधा मतलब होता है मौत के सामान दुख या कष्ट देने वाला योग. मतलब इस योग के कारण आपके जीवन में मृत्यु तुल्य कष्ट मिल सकता है. ऐसे में अगर आपकी कुंडली में यह योग है तो आप फटाफट से इसको लेकर उपाय कर लें ताकि आपका जीवन सुरक्षित रहे और जीवन में आनेवाले मृत्यु तुल्य कष्ट से आपका बचाव हो सके.
ऐसे में आपको बता दें कि कैसे आपकी कुंडली में मारकेश का दोष बनता है. पहले आप जान लें कि कोई भी ग्रह अगर नीच का या नीच की राशि में विद्यमान हो और उसकी महादशा चल रही हो तो ऐसा होता है कि यह आपके लिए मारकेश दोष बना दे. ऐसे में शनि को लेकर सबसे ज्यादा यह दोष कुंडली में देखा जाता है. ऐसे में यह योग जीवन में बीमारियों और दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ा देता है. कई बार ये बीमारी या दुर्घटना जीवन को समाप्त करनेवाली बन जाती है. ऐसे में किसी भी जातक की कुंडली का दूसरा और सातवां भाव मृत्यु के बारे में जानकारी देता है. ऐसे में इसी भाव की गणना से इस योग का पता लगाया जाता है.
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ऐसे में अगर आपकी कुंडली में मारकेश दोष हो तो शिव की अराधना ही आपको इस योग के प्रभाव से मुक्ति दिला सकता है. ऐसे में ऐसे जातकों को शिव की भक्ति में अपने आप को रमा लेना चाहिए. साथ ही शिव की पूजा और हर तरह के धार्मिक शिव अनुष्ठानों में ऐसे जातकों को शामिल होना चाहिए.
ऐसे जातकों को हर दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए और संभव हो तो हर सोमवार को शिव का रुद्राभिषेक भी करना चाहिए. इसके साथ ही ऐसे जातकों को अपनी जीवन रक्षा के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए और इसका दशांश हवन भी करना चाहिए.