Utpanna Ekadashi 2023: उत्पन्ना एकादशी साल में 24 एकादशी में से एक है और मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के रूप में प्रमुख है. इसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से भी जाना जाता है और इसका महत्व विशेष माना जाता है. इस एकादशी के व्रत से, व्यक्ति के पिछले जन्म के पापों का नाश होता है और उसे मुक्ति मिलती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


उत्पन्ना एकादशी के मुहूर्त 2023
तिथि: 8 दिसंबर 2023
आरंभ: 8 दिसंबर 2023, सुबह 05:06
समाप्त: 9 दिसंबर 2023, सुबह 06:31
व्रत पारण समय: 9 दिसंबर 2023 को दोपहर 01:15 से 03:20 तक


पौराणिक कथा के अनुसार सतयुग में राक्षस मुर का पुत्र था, जिसने देवताओं को पराजित कर लिया था. देवताएं शिव की शरण में गईं और शिव ने उन्हें विष्णु की शरण जाने को कहा. विष्णु ने मुर के साथ युद्ध किया, जिसका विवरण 10 हजार साल तक चला. युद्ध के बाद, विष्णु ने बद्रीकाश्रम में आराम किया और यहीं एक दिव्य देवी उत्पन्ना हुई, जिसने मुर को मार दिया. उसी दिन को उत्पन्ना एकादशी कहा गया. इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है.


यह व्रत भगवान विष्णु की पूजा के साथ मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को आत्मिक शुद्धि, सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है. उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रती व्यक्ति को नींदा का त्याग करके विशेष पूजा और ध्यान करना चाहिए. सभी व्रतों की तरह इस व्रत का भी आचार्य और ब्राह्मणों के साथ नियमित रूप से पालन करना चाहिए ताकि व्यक्ति को इसके सभी लाभ प्राप्त हों. इस एकादशी के महत्व को समझकर इसे भक्ति भाव से मनाना चाहिए, जिससे व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति हो सके.


ये भी पढ़िए- Mantra for Success: अगर इन मंत्रों का करेंगे जाप तो बनेंगे हर बिगड़े काम, देखें एक नजर