Astro Tips: ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में से सबसे क्रूर ग्रह शनिदेव का धातु लोहा है. ऐसे में लोहे के बने सामग्री शनिदेव को बेहद पसंद है. लेकिन, आपको पता है कि कुछ लोगों को लोहे का छल्ला धारण करने से बचना चाहिए, नहीं तो उनके जीवन में अनर्थ हो जाएगा. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र की मानें तो लोहे का छल्ला छारण करने से पहले इस बात को जान लेना चाहिए कि कहीं इसका अशुभ प्रभाव तो आपके जीवन में नहीं पड़ रही है. नहीं तो यह आपके जीवन में परेशानियां बढ़ा देगा. 


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वैसे लोहा शनिदेव के साथ ही मंगल से भी जुड़ा हुआ है और इसे भी क्रूर ग्रह की संज्ञा दी गई है. मंगल जातक के जीवन में ऊर्जा, साहस और शक्ति का संचार करता है. ऐसे में कहा जाता है कि जो भी लोग अपने जीवन में लोहे का छल्ला धारण करते हैं उनके जीवन में सुख, समृद्धि, ऊर्जा, साहस और शक्ति की वृद्धि होती है. वहीं जीवन में शनि के दोषों से भी मुक्ति मिलती है. 


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शनि वैसे भी अनुशासन और चुनौती का कारक ग्रह है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में शनि प्रमुख स्थान पर हो या शनि की स्थिति मजबूत हो तो उसे लोहे की अंगूठी कभी भी धारण नहीं करना चाहिए. क्योंकि यह लोहे का छल्ला धारण करना ऐसे जातकों के जीवन में चुनौतियों को बढ़ा सकता है. यह जातक के जीवन में नुकसान देने वाला होगा. 


वहीं अगर कुंडली में राहु-केतु मजबूत स्थिति में हों तो ऐसे लोगों को भी लोहे का छल्ला नहीं पहनना चाहिए. राहु केतु जीवन में अस्थिरता लाता है और लोहा पहनने से उसके प्रभाव में वृद्धि होती है. उसी तरह अगर आपकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर हो तो आपको लोहे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है. जबकि अगर किसी का मंगल मजबूत हालत में हो तो उसे लोहे का छल्ला नहीं धारण करना चाहिए, नहीं तो यह मंगल के नकारात्मक प्रभावों को जीवन में बढ़ा देगा. 


शनिवार को लोहे का छल्ला धारण करने की सलाह दी जाती है. वैसे इसे शनिवार के दिन खरीदना नहीं चाहिए. बल्कि इसे पहले से ही खरीदकर रखना चाहिए. किसी के द्वारा उपहार स्वरूप मिला लोहे का छल्ला धारण करना फायदेमंद है. विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में और पुरुषों को दाहिने हाथ में लोहे कै छलेला धराण करना चाहिए.