Chhath Puja 2024 in Periods: छठ पूजा भारत में एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर उत्तर भारत में जो बिहार से शुरू होकर झारखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में लोकप्रिय हो गया है. इस पर्व पर कार्तिक शुक्ल षष्ठी को भगवान सूर्य और छठी माई की पूजा की जाती है. महिलाएं इस दौरान अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं. छठ पूजा में कई नियमों का पालन जरूरी होता है, खासकर महिलाओं के लिए. एक मान्यता के अनुसार पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ करने और मंदिर जाने से परहेज करने को कहा जाता है.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार यदि किसी महिला ने छठ पूजा का संकल्प ले रखा है और पूजा के समय पीरियड्स आ जाते हैं, तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. पूजा में शारीरिक और मानसिक शुद्धता को अत्यंत महत्व दिया जाता है ताकि छठी माई प्रसन्न हों. ऐसे में पीरियड्स के दौरान महिलाएं व्रत जारी रख सकती हैं, लेकिन पूजा की सामग्री को छूने से बचने की सलाह दी जाती है. अर्घ्य देने का कार्य किसी और परिवार के सदस्य से करवाया जा सकता है.


साथ ही पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ से दूर रहने का कारण पारंपरिक मान्यताओं में निहित है. ऐसा माना जाता है कि इस समय महिलाओं के शरीर में विशेष ऊर्जा होती है, जिसे भगवान नहीं सहन कर सकते. उदाहरण के लिए यदि कोई महिला इस दौरान तुलसी में जल चढ़ाती है, तो तुलसी के सूखने की संभावना होती है. यह विश्वास है कि भगवान इस ऊर्जा को सहन नहीं कर पाते, इसलिए पीरियड्स में पूजा से दूर रहने की सलाह दी जाती है.


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