Indira Ekadashi 2023: पितृपक्ष 29 अक्टूबर से शुरू हुआ है. ऐसे में लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करते हैं. लोगों को भोजन कराते हैं और दान करते हैं ताकि पितरों की कृपा बनी रहे. ऐसे में आपको बता दें कि हर महीने में दो पक्ष होते हैं और दोनों पक्षों में एकादशी की तिथि होती है. यानी कुल 24 एकादशी एक साल में होती है. वहीं अधिक मास या मलमास की स्थिति में एकादशी 26 हो जाती है. ऐसे में आपको बता दें कि पितृपक्ष में आश्विन के महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है और इसका विशेष महत्व बताया गया है. 


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इस बार अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर को दोपहर से शुरू हो रही है और 10 अक्टूबर के दिन दोपहर तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि की मानें तो एकादशी 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. आपको बता दें कि पितरों को भी हम भगवान हरि नारायण के नाम से ही पूजते हैं ऐसे में पितरों के लिए किए गए कर्म इस तिथि पर विशेष फलदायी होते हैं. 


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इस दिन सुबह स्नानादि करके पहले सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए, फिर भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा करनी चाहिए. इसी समय व्रत का संकल्प भी लें. भगवान हरि नारायण विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. उन्हें चंदन, भोग, पुष्प, धूप, दीप अर्पित करें. इस व्रत के करने से आपके पितरों का भी आपको आशीर्वाद मिलेगा. 


इंदिरा एकादशी का व्रत आपके पितरों की आपसे नाराजगी को दूर करनेवाला होगा. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी बरसेगी. ऐसे में इंदिरा एकादशी का व्रत आपके पितरों को मोक्ष भी प्रदान करता है.