Amla Rajyoga: वैसे तो ज्योतिष के हिसाब से 300 तरह के योग बनते हैं. जो अलग-अलग ग्रहों के मेल से तैयार होते हैं. इनमें से कई योग बेहद अशुभ होते हैं तो कई योग अशुभ ग्रहों के योग से शुभ होकर राजयोग बन जाते हैं जबकि 30 राजयोग भी ज्योतिष के हिसाब से निर्माण होता है. ऐसे में नवग्रहों के गुरु बृहस्पति को कुंडली में शुभ ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है और इनके बदलते चाल का हर राशि के जातकों के जीवन पर असर देखने को मिलता है. ऐसे में 4 सितंबर को बृहस्पति मेश राशि में प्रवेश करनेवाले हैं. 


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देवगुरु के इस राशि परिवर्तन की वजह से कई राशि के जातकों को राजयोग का लाभ मिलेगा. इसी दौरान अमला राजयोग भी बनेगा जो कई राशियों की किस्मत चमकाने वाला होगा. यह शुभ राजयोग माना जाता है. बता दें कि किसी भी जातक की कुंडली में अगर उसकी राशि चंद्रमा से जुड़ी हो या फिर लग्न से 10वें भाव में चंद्रमा हो तो ऐसे में अमला राजयोग का निर्माण होता है. 


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ऐसे में गुरु का यह राशि परिवर्तन मिथुन राशि के जातकों के लिए सबसे ज्यादा सकारात्मक परिणाम देनेवाला होगा. इस राशि के जातकों की कार्यक्षेत्र से जुड़ी सभी परेशानियां दूर होंगी. रोजगार के नए अवसर बनेंगे. किसी भी काम में सफलता मिलेगी. साथ ही अचानक धन-संपत्ति का भी योग बन रहा है. 


तुला राशि में देवगुरु बृहस्पति की स्थिति काफी मजबूत है. ऐसे में सरकारी नौकरी की कोशिश कर रहे जातकों को सफलता मिलेगी. मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी. पुरानी समस्याओं का यथाशीघ्र निपटारा होगा. जीवन से नकारात्मकता का अंत होगा और धन लाभ के भी योग बनेंगे. 


वहीं मीन राशि के जातकों के लिए भी देवगुरु का यह गोचर बेहद फायदेमंद होगा. हालांकि इस दौरान कार्यक्षेत्र में थोड़ी परेशानी महसूस हो सकती है लेकिन इससे निकलने का रास्ता भी आसानी से मिल जाएगा. कार्यों में सफलता शीघ्र मिलेगी.