Karwa Chauth 2024 Moonrise Time: करवा चौथ का पर्व हर साल सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन के लिए करती हैं. करवा चौथ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं. यानी दिनभर बिना पानी और भोजन के रहती हैं. व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और रात में चांद के दर्शन के बाद ही इसे पूरा किया जाता है. करवा चौथ पर महिलाएं अपने सुहाग के लिए पूरे दिन सजी-धजी रहती हैं और शाम को चांद की पूजा करके ही भोजन करती हैं.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस व्रत को करने के पीछे पौराणिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से पति की आयु लंबी होती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसलिए हर साल महिलाएं इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती हैं. करवा चौथ का पर्व सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को भी मजबूत करता है, क्योंकि महिलाएं इस दिन एक-दूसरे के घर जाकर व्रत की कथा सुनती हैं, पूजा करती हैं और करवा चौथ की पूरी प्रक्रिया का पालन करती हैं.


इस साल कब है करवा चौथ?
आचार्य के अनुसार इस साल करवा चौथ का पर्व 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं. सरगी सास द्वारा दी जाती है, जिसमें फल, मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स होते हैं, ताकि दिनभर उपवास करने में परेशानी न हो. सरगी के बाद महिलाएं पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए चांद के निकलने का इंतजार करती हैं. साथ ही करवा चौथ का त्योहार सिर्फ व्रत और उपवास तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक पारिवारिक और सामाजिक पर्व भी है. इस दिन महिलाएं सज-संवरकर एक-दूसरे के घर जाती हैं, मिल-जुलकर व्रत की कथा सुनती हैं और करवा की पूजा करती हैं. शाम को जब चांद निकलता है, तब पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए महिलाएं चांद की पूजा करती हैं और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं.


चंद्रोदय का समय
करवा चौथ पर चांद का दिखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि चांद के निकलने के बाद ही व्रत समाप्त होता है. महिलाएं शाम से ही आसमान में चांद को देखने का इंतजार करती हैं. इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शहरों के अनुसार थोड़ा-बहुत अलग हो सकता है. द्रिक पंचांग के अनुसार 20 अक्टूबर 2024 को चांद का उदय शाम 7 बजकर 55 मिनट पर होगा. हालांकि, बिहार और झारखंड में चांद के दिखने का समय अलग-अलग रहेगा. साथ ही बिहार में चांद का उदय रात 7:29 बजे होगा, जबकि झारखंड में चांद 7:31 बजे दिखेगा. महिलाएं इन समयों के अनुसार चांद की पूजा कर सकती हैं और अपने व्रत को संपन्न कर सकती हैं. चांद निकलने के बाद महिलाएं चांद को छलनी से देखती हैं और फिर पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. इस पूजा के बाद ही व्रत समाप्त होता है और महिलाएं भोजन करती हैं.


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