Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है और इस दिन भगवान कुबेर की पूजा करना शुभ माना जाता है. इस साल दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार कुबेर देवता को सभी देवताओं का कोषाध्यक्ष माना जाता है और वे धन-समृद्धि के स्वामी हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार धन की देवी लक्ष्मी ने धन और संपत्ति का सारा लेखा-जोखा कुबेर जी को सौंप रखा है. इसलिए, ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से कुबेर देवता की आराधना करता है, उसकी धन-संबंधी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार धनतेरस की पूजा को पूर्ण करने के लिए कुबेर जी की आरती और मंत्रों का जाप किया जाता है. कुबेर जी की आरती कुछ इस प्रकार है:


कुबेर जी की आरती:


ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जय यक्ष कुबेर हरे.
शरण पड़े भक्तों के,
भण्डार कुबेर भरे.


शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े.
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े.


स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
योगिनी मंगल गावें,
सब जय जय कार करैं.


गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करे.


भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
मोहन भोग लगावें,
साथ में उड़द चने.


॥ इति श्री कुबेर आरती ॥


आचार्य मदन मोहन के अनुसार कुबेर देवता की आराधना में विशेष मंत्र भी उपयोग किए जाते हैं. जैसे कि धन-प्राप्ति के लिए "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः" मंत्र का जाप किया जा सकता है. वहीं, अष्ट लक्ष्मी कुबेर मंत्र "ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः" का प्रयोग भी कुबेर जी की कृपा पाने के लिए किया जाता है. कुबेर देव की सच्चे मन से पूजा करने और आरती करने से माना जाता है कि घर में धन-समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है.


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