Ratna Shastra: किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है लेकिन, कुछ लोगों को कम मेहनत में ज्यादा सफलता मिलती है तो किसी को जी तोड़ मेहनत के बाद भी आशातीत सफलता हासिल नहीं होती है. ऐसे में अगर किसी जातक को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलती है तो कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा की वजह से ऐसा होता है. 


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ऐसे में ज्योतिष के जानकार कुंडली का विश्लेषण कर नवग्रहों की स्थिति के अनुसार ऐसे जातकों को उपाय बताते हैं या रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. ऐसे में ज्योतिष के हिसाब से एक ऐसा रत्न है जो जातक को मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा के साथ ही सौभाग्य में वृद्धि का भी काम करता है. 


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इस रत्न को पुखराज या टोपाज कहा जाता है. ऐसे में यह रत्न धारण करनेवाले व्यक्ति के जीवन में खूब सफलता मिलती है. उसे मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा की भी कमी नहीं रहती है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हर जातक को हर किस्म का रत्न धारण नहीं करना चाहिए. ऐसे में लग्न और राशि के मुताबिक ही रत्न पहना जाए तो वह बेहतरीन होगा. धनु और मीन राशि के जातकों को पुखराज पहनना बेहद शुभ माना जाता है. वहीं सिंह, मेष, वृश्चिक और कर्क राशि के जात भी इसे धारण कर सकते हैं. 


पुखराज आपके मन को एकाग्रचित्त करने का काम करता है. यह सुख-समृद्धि देने वाला है. साथ ही जातक की निर्णय क्षमता को बढ़ाता है. यह पारिवारिक जीवन में भी खुशियां भरता है. साथ ही इसके धारण करने से विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं. भगवान गणेश से इस रत्न को जोड़कर देखा जाता है. 


यग गुरु ग्रह का रत्न है ऐसे में इस गुरुवार को धारण करना चाहिए. इससे धारण करने से पहले गंगाजल और दूघ से धोना चाहिए और इसे भगवान के सामने रखकर इसे धूप-दीप दिखाना चाहिए. इसके बाद इसे दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए. 3 वर्ष से ज्यादा पुराना होने पर आपको नया पुखराज पहन लेना चाहिए.