PM Modi Kundali: कुंडली में पावरफुल ग्रहों की मौजूदगी पीएम मोदी के लिए बना रहे अच्छा योग, शुक्र और शनि 2024 में फिर दिलाएंगे राजयोग
PM Modi Kundali: मोदी पर मां भगवती की कृपा विद्यमान है और जन्म कुंडली में शनि की उपस्थिति अत्यधिक रूप में बलवान अवस्था में दिखाई देता है. जिससे यह स्पष्ट होता है कि जन्म कुंडली बहुत ही पावरफुल ग्रहों की उपस्थिति के अनुसार बहुत अच्छा योग बनता है.
PM Modi Kundali: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न यानि 'वृश्चिक राशि' की है. कुंडली में लगन व राशि के स्वामी मंगल हैं. इस योग से मोदी के लिए रोचक महायोग तो बना ही रहे हैं साथ ही चंद्र मंगल योग के साथ पूरे भारत में शत्रुघनता योग भी बन रहा है. मोदी के विरोधी व शत्रु इनका कभी-कभी नुकसान पहुंचाने का कार्य करते हैं लेकिन महायोग के चलते सब कुछ विफल हो जाता है. मोदी पर मां भगवती की कृपा विद्यमान है और जन्म कुंडली में शनि की उपस्थिति अत्यधिक रूप में बलवान अवस्था में दिखाई देता है. जिससे यह स्पष्ट होता है कि जन्म कुंडली बहुत ही पावरफुल ग्रहों की उपस्थिति के अनुसार बहुत अच्छा योग बनता है. वर्तमान कुंडली के अनुसार नरेंद्र मोदी आगामी दिनों में अपने जिम्मेदारियां को परिपूर्ण करेंगे.
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नरेंद्र मोदी के लग्न में विद्यमान है चंद्रमा (Modi ki kundli Mein Rajyog)
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्विद आचार्य मदनमोहन के अनुसार बता दें कि जन्मतिथि के अनुसार 17 सितंबर 1950 जन्म का समय 11:00 बजे की जो जन्म कुंडली तैयार होती है, वह वृश्चिक लग्न की बनती है. इस लग्न में ही चंद्रमा विद्यमान है, मन चलाएं मान रखना तथा अपनी मानसिकता में बहुत तीव्र बुद्धि रखना इस तरह की जन्म कुंडली विद्यमान होती है. भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में चंद्रमा की शक्तियों का प्रदर्शन अथवा चंद्रमा के अलावा शुभ ग्रहों का जो प्रारूप बनता है, उसे इन्हें बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त हो रहा है. जन्म कुंडली में ग्रहों की जो उपस्थित है, वह बहुत अच्छा है. सूर्य की उपस्थिति वर्तमान समय में उच्च शिखर को प्राप्त करने में संलग्न है.
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शुक्र और शनि 2024 में फिर दिलाएंगे राजयोग (Narendra Modi Kundli)
आचार्य मदनमोहन ने बताया कि नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली के अनुसार वर्ष 2024 उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस वर्ष सभी राजनीतिक पार्टी अपने हाथों में अपनी पार्टी का झंडा लेकर विरोध के लिए खड़ी हैं. लेकिन कुंडली के योग से इन्हें ज्यादा मेहनत और परिश्रम करने की उपस्थिति नहीं पड़ेगी और जहां तक देख पा रहे हैं, मंगल और चंद्रमा लग्न में विद्यमान है. शुक्र और शनि दशम भाव कम भाव में बैठे हुए जो पूर्ण रूप से राजयोग दर्शाते हैं. इस भाव से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2024 का चुनाव परिणाम मोदी के हित में होगा. मोदी एक बार पुनः भारत की राजनीति में अपना जीवन को समर्पित करते हुए मां भारती की सेवा में लगाए रखेंगे. स्वयंसेवक से लेकर के प्रधान सेवक तक का जो सफर मोदी ने बहुत मेहनत किया है. इनके कर्म में बहुत परिश्रम दिखाई देता है और यही मेहनत और परिश्रम इन्हें जन्म कुंडली में ग्रहों की जो जुगलबंदी है, वह बहुत अच्छा रिस्पांस इन को प्रदान कर रहा है.
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मोदी की कुंडली में चल रही ग्रहों की बहुत सुंदर जुगलबंदी ( Narendra Modi Horoscope)
आचार्य मदनमोहन ने कहा महान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में ग्रहों की बहुत सुंदर जुगलबंदी चल रही है. जिससे इनका नाम यश कीर्ति भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अत्यधिक रूप से प्रकाशित होगा. मतलब कि लग्नेश त्रिकोणेश के साथ हो तो यह ग्रह योग जातक को आती व प्रसिद्ध सौभाग्य धर्म लाभ दीर्घायु और साम्राज्य दिलाता है. मोदी की कुंडली में यह सिद्धांत अक्षर सा लागू होता है कि उनकी कुंडली में लग्नेश मंगल नवमांश चंद्रमा के साथ बैठे हैं, तो जैसे ही उनकी चंद्रमा की दशा प्रारंभ होगी तो उन्हें बहुत अच्छा लाभ प्राप्त होगा. जैसा कि आप देख रहे हैं 2001 से लेकर 2014 तक साल 1984 से प्रारंभ हुई शुक्र की दशा में मोदी बीजेपी के संगठन से जुड़ गए. जन्म कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण योग लग्नेश मंगल नवीन चंद्रमा के साथ बैठे हैं, तो जैसे ही उनकी चंद्रमा की दशा प्रारंभ हुई वह भारतीय राजनीति के आकाश में देवी प्रमाण सूर्य की तरह उदित हो गए और उन्होंने पूरा राजनीतिक क्षेत्र अपने तेज से आलोकित कर दिया. साल 1984 से प्रारंभ हुई शुक्र की दशा में मोदी बीजेपी के संगठन से जुड़ गए इस तरह का बहुत ही महत्वपूर्ण योग उनके जन्म कुंडली में प्रारंभ हुआ और इसी योग में इन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा आगे बढ़ते निकल पड़े हैं.
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प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होंगे मोदी : आचार्य मदन मोहन (Astrologer Madan Mohan)
उन्होंने आगे कहा कि साल 1984 से प्रारंभ हुई शुक्र की दशा मोदी बीजेपी के संगठन से जुड़ गए उससे पहले वह आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्ता थे. शुक्र उनकी कुंडली में राज्य प्राप्ति के दशम भाव में बैठे हैं, उन्हें गुजरात के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वप्रथम प्रसिद्धि मिली. साल 1990 में अयोध्या रथ यात्रा के समय जो लाल कृष्ण आडवाणी ने निकाली थी उसे समय अंतर्दशा चंद्रमा की थी. नीच भंग राजयोग से सम्मिलित चंद्रमा गजकेसरी योग में भी सम्मिलित है और दशा नाथ शुक्र से जनता के चतुर्थ भाव में बैठे हैं. जिसने उन्हें जनता से प्रसिद्धि दिलाई वर्तमान के समय इस शुक्र की दशा में 7 अक्टूबर 2001 में गुजरात के 14 मुख्यमंत्री बने उसे समय बुद्ध की अंतर्दशा थी. बुद्ध दशमेश सूर्य के साथ अपने उच्च राशि में उपलब्धि के एकादश भाव में बैठे हैं इसी बुद्ध की अंतर्दशा में वे दोबारा साल 2002 में मुख्यमंत्री बने. मोदी की जन्म कुंडली में सूर्य की महादशा चंद्रमा की दशा बने पंतप्रधान 2014 से 2020 तक चंद्रमा मोदी की कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है, जो लग्न में ही विद्यमान है. मानसिक तेज यश कीर्ति देने के लिए चंद्रमा बहुत लाभकारी है, मोदी की कुंडली में चंद्रमा के विशेष योगी में सम्मिलित है जिसने उन्हें चौथी बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया और दो बार भारत जैसे विशाल देश का प्रधानमंत्री बनाया. तीसरी बार मोदी के ग्रहों के जुगलबंदी होने पुनः राजयोग बना रहे हैं. पांच महापुरुष योग में से एक रोचक योग भी बना रहे हैं.
10 मानसिक कुंडली में विमल नमक विपरीत राजयोग भी बना रहे हैं, तो यह मंगल मोदी को पुनः प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर बिठाने के लिए अति उत्सुक है, लेकिन अंतर्दशा शनि महाराज थोड़ा तेज फंसा रहे हैं. जैसे विरोधी उनको इस कुर्सी पर देखना नहीं चाहते हैं क्योंकि यह लग्नेश और महादशा नाथ मंगल के शत्रु होकर दशम भाव में शत्रु राशि में बैठे हैं, तो वह कुछ रोड अटकने की कोशिश कर सकते हैं. मोदी शायद 2014 और 2019 जैसा करिश्मा नहीं दिखा पाएंगे, लेकिन मोदी की जीत निश्चित है. प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मोदी जी ही बैठेंगे.
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