Rahu Dosh: ज्योतिष के अनुसार कुंडली में नौ ग्रहों में से दो पाप ग्रह भी है जो राहु और केतु के नाम से जाना जाता है. राहु को सांप का मुंह और केतु को सांप का पूंछ बताया गया है. ये दोनों पाप ग्रह जिस भी जातक की कुंडली में अशुभ स्थिति में होते हैं उसके जीवन को तबाह कर देते हैं. राहु और केतु हमेशा से वक्री चलते हैं ऐसे में इन ग्रहों के बीच जो भी अन्य ग्रह पड़ते हैं उनकी भी शुभ स्थिति को ये खत्म कर देते हैं. राहु जातक को जीवन में तमाम तरह के कष्ट देता है. हालांकि इस ग्रह के बारे में कहा जाता है कि यह जातक को खूब परिश्रम कराता है और उसको निखारता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें- कुंडली का यह योग बनाता है आपको धनवान, जानें समृद्धि के लिए कौन से ग्रह हैं जिम्मेदार


राहु की अशुभ स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाइए की जब यह अशुभ स्थिति में होता है तो आपके अच्छा करने की कोशिश भी बेकार जाती है. स्वास्थ्य से संबंधित तमाम तरह की परेशानियां यह देता है. ऐसे में राहु के दोष और उसके दुष्प्रभाव की पहचान होनी चाहिए ताकि उससे बचने के उपाय किए जा सके. ऐसे में हम आपको सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के बताए ऐसे कई उपाय बताएंगे जो आपकी कुंडली में स्थित अशुभ राहु की स्थिति को भी ठीक कर देंगे. 



बता दें कि अशुभ राहु सबसे पहले व्यक्ति के नाखून और बालों को कमजोर कर देता है. वहीं घर में अगर पालतू जानवर या पक्षी है तो उसकी मौत होने लगती है. परिवार के सदस्यों के बीच हमेशा मतभेद की स्थिति बनी रहती है. पति-पत्नी के संबंध सामान्य नहीं रहते हैं. जातक को मानसिक विकार होने लगता है. 


राहु अशुभ हो तो व्यक्ति के घर पर या आसपास सांप दिखाई देने लगता है. राहु से पीड़ित व्यक्ति को पेट से संबंधित बीमारियां भी होने लगती है. ऐसे में अशुभ राहु के प्रभाव से मुक्ति के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा की मानें तो ऐसे जातक को शिव मंदिर जाना चाहिए वहां 51 बेलपत्र को सूत या मौली से बांधकर शिवजी का नाम लेकर शिवलिंग को पहना देना चाहिए. ऐसे में राहु का अशुभ प्रभाव मिलना बंद हो जाएगा. 


सफेद फूल लेकर 21 बार इसे खुद के ऊपर से उतारकर राहु का स्मरण कर शिवलिंग पर वहां अर्पित कर देना चाहिए जहां से पानी गिरता है. यानी उस जगह नीचे रख देना चाहिए. राहु केतु कष्ट नहीं देगा. वही हर सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर जल के साथ काले तिल अर्पित करना चाहिए, पानी में कुश डालकर स्नान करने से भी राहु का दोष समाप्त होता है.