Rukmini Ashtami 2024: रुक्मिणी अष्टमी पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, हमारे हिन्दू परंपरा में एक महत्वपूर्ण पर्व है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी का जन्म हुआ था. रुक्मिणी देवी भगवान श्रीकृष्ण की प्रमुख पत्नी मानी जाती हैं और उन्हें देवी लक्ष्मी के अवतार माना जाता है. इस दिन को मनाने से घर में बरकत का वातावरण बना रहता है और लक्ष्मी जी की कृपा होती है.


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2024 में रुक्मिणी अष्टमी 4 जनवरी गुरुवार को मनाई जाएगी. इस दिन को पूजन करने से दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं और आर्थिक संकटों में आराम होता है. रुक्मिणी अष्टमी का मुहूर्त भी बहुत अच्छा है. पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 3 जनवरी 2024 को रात 07 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर, अगले दिन 4 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी. इस अवसर पर सुबह 07:15 से 08:32 के बीच पूजा का मुहूर्त है.


पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी की तस्वीर स्थापित करें. दक्षिणावर्ती शंख से श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का अभिषेक करें, जिसमें केसर मिश्रित दूध का उपयोग हो. पंचोपचार विधि से पूजन करें और देवी रुक्मिणी को लाल वस्त्र, इत्र, हल्दी, कुमकुम चढ़ाएं. 


इसके अलावा दूध, दही, घी, शहद और मिश्री को एक साथ मिलाकर पंचामृत बनाएं और इसे देवी-देवता को भोग लगाएं. पूजा करते समय, कृं कृष्णाय नमः मंत्र या लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें. अंत में गाय के घी का दीपक लगाएं और कपूर के साथ आरती करें. इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं, जिससे मान्यता है कि लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.


इस दिन दान में सुहागिन महिलाओं को सुहाग की सामग्री भेंट करना शुभ माना जाता है, जिससे धन-सौभाग्य में वृद्धि होती है. इसी दिन को रुक्मिणी ने सत्यभामा को प्रेम का महत्व सिखाया था. श्रीमद्भागवत के अनुसार सत्यभामा ने अपने अहंकार में देवी रुक्मिणी से मदद मांगी थी और रुक्मिणी ने उन्हें प्रेम के सही मार्ग पर लाने के लिए उपयुक्त सीख दी थी.


इस पवित्र दिन को मनाकर हम अपने जीवन में प्रेम और समर्पण के महत्वपूर्ण सिखों को याद करते हैं. देवी रुक्मिणी की कृपा से अपने घर को धन, सौभाग्य और आनंद से भर देते हैं.


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