Shivling: हर मनोकामना होगी पूरी अगर सावन में इन चीजों के शिवलिंग तैयार कर करें पूजा!
4 जुलाई से शुरू हो रहा सावन के महीने में इस बार अधिकमास पड़ा है. इसकी वजह से अधिकमास के बाद फिर से सावन के 15 दिन शेष बच गए हैं. इस बार अधिकमास की आमावस्या तिथि 16 अगस्त को पड़ रहा है. इसके बाद शुद्ध सावन के 15 दिन की शुरुआत होगी.
Shivling: 4 जुलाई से शुरू हो रहा सावन के महीने में इस बार अधिकमास पड़ा है. इसकी वजह से अधिकमास के बाद फिर से सावन के 15 दिन शेष बच गए हैं. इस बार अधिकमास की आमावस्या तिथि 16 अगस्त को पड़ रहा है. इसके बाद शुद्ध सावन के 15 दिन की शुरुआत होगी. नमतलब सावन महीने के शुक्ल पक्ष का 15 दिन शुरू होगा और इसकी पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को पड़नेवाली है. बता दें कि इस बार सावन 59 दिनों का होनेवाला है. ऐसे में इस सावन के पवित्र महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा और अभिषेक से आप पर शिव की कृपा बरसेगी.
ऐसे में इस दिनों में भगवान शिव के कई तरह की शिवलिंग को बनाकर रुद्राभिषेक करने का भी विधान है. ऐसे में मिट्टी का गोबर का पारद का सोने का चांदी का चावल के आटे का जौ और गेहूं के आटे का शिवलिंग बनाकर इसका रुद्राभिषेक करने का विधान है. वहीं नर्मदा से प्राप्त नर्मदेश्वर शिवलिंग का रुद्राभिषेक का भी विशेष विधान है.
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ऐसे में हर तरह के शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से महामुक्ति मिलती है. चांदी के शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-ऐश्वर्य और तेज के साथ समृद्धि मिलती है. भष्म से बने शिवलिंग हर तरह का फल देने के साथ कार्य सिद्धि प्रदान करनेवाला है. पार्थिव या मिट्टी के शिवलिंग मनोवांधित कार्यों की सिद्धि होती है. कांसे या पीतल का शिवलिंग मोक्ष प्रदान करता है, गुड़ से बने शिवलिंग से स्नेह में वृद्धि होती है. गुड़ की एक लाख शिवलिंग बनाकर पूजा से राजयोग प्राप्त होता है. मक्खन के बने शिवलिंग से यश कीर्ति बढ़ती है. गोबर का शिवलिंग धन-धान्य को बढ़ाता है. स्फटिक शिवलिंग की पूजा सभी पापों का नष्ट कर देता है. तांबे का शिवलिंग सभी मनोकामना तो पूर्ण करनेवाला होता है. वहीं शत्रुओं का नाश गोबर के शिवलिंग से होता है. चंदन,सुगंधी आदि के लिंग की विधिवत पूजा शिव का सानिध्य देती है. वहीं आटे से बना शिवलिंग सभी तरह के भौतिक और पारिवारिक सुखों को देनेवाला है.