Sonipat News: हरियाणा के सोनीपत की पुलिस लाइन में रहने वाले एएसआई पवन कुमार घायल पक्षियों के इलाज करने वाले मसीहा बन गए हैं. सैकड़ों पक्षियों को जीवन दान देने वाले पवन राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर लोगों के लिए प्रेरणा बनकर सुर्खियां बटोर रहे हैं.
हरियाणा पुलिस में एएसआई के पद पर तैनात पवन का जन्म मोर खेड़ी में हुआ था. सोनीपत में नौकरी करने के कारण ने पुलिस लाइन में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एएसआई पवन कुमार ने राष्ट्रीय पक्षी दिवस के मौके पर सभी देशवासियों को बधाई दी.
पुलिस वाला बना पक्षियों का रक्षक
पवन कुमार ने कहा कि पहली बार ख्याल आया कि घायल पक्षियों के लिए आवास और इलाज एक साथ होनी चाहिए. इसलिए साल 2018 में पुलिस लाइन में पक्षी विहार प्रेरणा केंद्र की स्थापना की गई. इसलिए पवन कुमार घायल पक्षियों का इलाज करते-करते खुद डॉक्टर की भूमिका निभा रहे हैं. वह पक्षी विहार में सैकड़ों पक्षियों का इलाज हो चुका हैं. इसके अतिरिक्त आजाद परिंदों के लिए भी दाने-पानी की व्यवस्था की हुई है. इसलिए प्रतिदिन सैकड़ों परिंदे यहां आकर भोजन करते हैं और खाना खाकर प्रतिदिन चले जाते हैं. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि कुछ पक्षियों का इलाज करना उनके लिए संभव नहीं होता तो ऐसे पक्षियों को वेटरनरी डॉक्टर के पास ले जाकर घायल पक्षियों का इलाज करवाया जाता है. जिस प्रकार से मनुष्य के अंदर भाव है, उसी प्रकार से पक्षियों के अंदर भी एक के स्नेह और प्रेम का भाव झलकता है.
ऐसा शौक नहीं पालें, जिससे जीव-जंतु का नुकसान हो
पवन कुमार ने यह भी बताया कि ज्यादातर पक्षी पतंग के मांझे के कारण घायल होने के बाद यहां पर अलग-अलग लोगों के द्वारा लाए जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि विलुप्त होने वाले पक्षी बाज, चील यहां पर कई सालों से रह रहे हैं. पतंग के मांझे से कई पक्षियों की हड्डी खत्म हो गई है और भी उड़ नहीं सकते. मांझे के कारण राष्ट्रीय पक्षी मोर की पंख भी खराब हो चुकी है. इसी के चलते 5 साल से कई बाज यहीं पर रह रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि करीबन 30 से 40 से बाज को पक्षी विहार में ठीक किया जा चुका हैं और खुले आसमान में उड़ चुके हैं. पवन कुमार ने कहा हम अपने शौक के लिए पतंगबाजी करते हैं, जिसके चलते काफी पक्षी घायल हो जाते हैं. उन्होंने अपील करते हुए भी कहा है कि ऐसा शौक हमे नहीं पालना चाहिए, जिससे किसी जीव जंतु को नुकसान हो.
700 ज्यादा घायल पक्षियों को को किया ठीक
उन्होंने कहा कि करीबन 200 से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर और कबूतरों ठीक किया गया है. करीबन 50 बाज को भी यहां से ठीक किया गया और उसके बाद वे खुले आसमान में उड़ गए. विलुप्त होने वाली प्रजाति के 7 उल्लू ठीक होकर जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि पक्षी विहार में सभी पक्षियों के लिए अलग-अलग आशियाने बनाए गए हैं. उल्लू को दिन में भी अंधेरे जैसी व्यवस्था की गई है. सभी अपने-अपने घर में खुशी-खुशी रहते हैं. कुछ पक्षी ऐसे भी है जो करीबन 4 से 5 सालों से पक्षी विहार में रह रहे हैं. वे पक्षी विहार को ही अपना घर समझते हैं. यहां पर पक्षियों को मिलने वाली सुविधाएं उन्हें न जाने के लिए विवश करती हैं. इसी कारण अब काफी पक्षी यहां से कहीं और जाना पसंद नहीं करते. सभी पक्षी एक के परिवार की तरह एक दूसरे के साथ रहते हैं. कैटिगरी अनुसार सबके अलग-अलग आशियाने भी बनाए गए हैं, लेकिन दाने पानी के लिए एक ही जगह निर्धारित की गई है.
लकड़ी के बनवाएं 20 हजार घोंसले
पवन कुमार एक अलग मुहिम के साथ-साथ गौरैया चिड़िया को भी बचाने का काम कर रहे हैं. अलग-अलग छोटी चिड़ियों के लिए अपने खर्चे पर 20 हजार लकड़ी के घोसलें बनाकर लोगों को वितरित कर चुके हैं और जहां पक्षियों की संख्या ज्यादा होती है और वहीं पर ये घोंसले लगा दिए जाते हैं.
पक्षियों के विलुप्त होने का यह बताया कारण
पवन कुमार ने बताया कि काफी प्रजाति ऐसी है जो धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है. इसका सबसे बड़ा कारण पवन ने बताया कि आज पेड़ पौधों की संख्या कम होती जा रही है. गगनचुंबी इमारतें खड़ी हो रही है. बिजली के तारों का जाल हर जगह फैल गया है. वहीं गाड़ियों के तेज हौर्न के चलते भी पक्षियों का जीवन खतरे में है. गौरैया जैसी चिड़िया के विलुप्त होने को लेकर भी उन्होंने चिंता जाहिर करते कहा कि आज प्रत्येक घर को प्लास्टर करके पक्का कर दिया जाता है. जिससे उन्हें अपना आशियाना नहीं मिल पाता. अपने आसपास से ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने के लिए अपील करते हुए कहा है कि अपने घरों में लकड़ी के घोंसले अवश्य लगाने चाहिए.
पक्षियों ने प्रेरणा केंद्र को बनाया अपना स्थाई आशियाना
एएसआई पवन कुमार ने बताया कि 2018 में उन्होंने पक्षी विहार प्रेरणा केंद्र की शुरुआत की थी. दिन से ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियों का भी काफी सहयोग रहा है और जिसके चलते अपनी ड्यूटी के साथ-साथ घायल पक्षियों की सेवा करने का मौका मिलता है. नौकरी के साथ-साथ काम करने का और देखने करने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा कि यहां पर काफी पक्षी ठीक होने के बाद भी अब अपना आशियाना स्थाई तौर पर बना चुके हैं. पक्षी विहार में मिलने वाले दाने पानी और प्रेम भाव के चलते पक्षी अब यहां से नहीं जाना चाहते हैं. कई पक्षी 5 साल से रह रहे हैं.
पुलिस लाइन में भी लगा चुके हैं करीबन 3 हजार पेड़
साल 2014 में ट्री मैन देवेंद्र सूरा के साथ मिलकर पवन ने पुलिस लाइन में पेड़ लगाने की शुरुआत की थी और करीबन 3000 पेड़ लगाए जा चुके हैं. जिसके चलते दिन भर पक्षियों की चहचहाट देखने को मिलती है और वहीं पक्षी भी पेड़ मिलने के चलते सुखद अनुभव करते हैं. वही पवन कुमार अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद सीधे पक्षी विहार पहुंचते हैं और पक्षियों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था करते हैं.
INPUT: JAIDEEP RATHEE