Utpanna Ekadashi Puja Vidhi: हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्पन्ना एकादशी व्रत रखा जाता है. सभी एकादशी व्रतों में इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी तिथि पर माता एकादशी का जन्म हुआ था. इस दिन साधक विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और किस विधि से श्री हरि की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा-दृष्टि प्राप्त होगी?


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उत्पन्ना एकादशी कब है?
मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 08 दिसंबर 2023, शुक्रवार की सुबह 05.06 बजे से हो रही है, जिसका समापन अगले दिन यानी 09 दिसंबर 2023 को सुबह 06.31 बजे होगा. उदयतिथि के अनुसार इस साल उत्पन्ना एकादशी व्रत 08 दिसंबर 2023 को रखा जाएगा. व्रती 09 दिसंबर 2023 के दिन दोपहर 01.16 बजे से 03.20 बजे के बीच अपना व्रत खोल सकते हैं.


उत्पन्ना एकादशी का महत्व 
मान्यता है कि मां एकादशी भगवान विष्णु की शक्ति का एक अंश हैं. उन्होंने मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मूर नामक राक्षस का वध करने के लिए लिया जन्म लिया था, जिसके बाद से हर साल इस तिथि को उत्पन्ना एकादशी के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से हजार अश्वमेध यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है. 


उत्पन्ना एकादशी पर कैसे करें पूजा?
उत्पन्ना एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर अपने सभी दैनिक कार्य पूरे कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें फल-फूल चढ़ाएं. पूजा के दौरान श्री हरि को तुलसी अर्पित करना न भूलें. 


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